सुंदरता वो सुगंध है
जिसे कोई भी सूंघ
सकता है यंहा तक की
एक दृस्टि हीन देख सकता
है और मंद बुद्धि का महसूस
कर सकता है
5 दिसम्बर 2015
सुंदरता वो सुगंध है
जिसे कोई भी सूंघ
सकता है यंहा तक की
एक दृस्टि हीन देख सकता
है और मंद बुद्धि का महसूस
कर सकता है
0 फ़ॉलोअर्स
मैं जो लिखू सदा उसकी तुम जुबा बनो ख़त्म ना हो वो मेरी निशानी गढ़ो तुम बनो हा तुम मेरी भार्या बनो अमर प्रेम की एक नयी तुम कहानी गढ़ोD