shabd-logo

ऊष्मा

5 दिसम्बर 2015

154 बार देखा गया 154

हिम पर्वत सा जमा हुआ था मैं
तेरे छुने से एक गर्माहट हुई
सोई हुई तितलियों के पंख में
फिर से कोई अकूलाहट हुई
दिल में फिर से मस्त बयार का झरना फूटा है
तेरे छुने से बरसो बाद मेरा मौन टूटा है

 

किताब पढ़िए

लेख पढ़िए