आज कल इतनी शादियां क्यों टूट रही? आज से दस बीस साल पहले तो ऐसा नहीं था, बहुत ही कम ratio होता था तलाक का ,पर आज कल तो तलाक सामान्य हो गया है।
फैमिली कोर्ट के बाहर लाइन लगी होती है जैसे अब और कोई काम बचा ही नहीं है। और फिर सालो साल कोर्ट के चक्कर लगाते है और ऐसे ही चलता रहता है। अगर आप आज किसी भी दंपति से पूछोगे की आप इस डिसीजन पर क्यों आए ,क्यों आपको तलाक लेने की जरूरत पड़ी किसी के पास सॉलिड रीजन नही होगा जो तलाक लेने की वजह असली वजह बने।मैं ये नही कहती की हर लड़का या है लड़की गलत है।आज भी बहुत सी लड़कियों के साथ गलत हो रहा है वो अगर इस फैसले पर आती है ये सही भी है,क्योंकि किसी को लड़की को अपनी जायदाद समझने की सोच भी दिमाग में नही आना चाहिए।बहुत सी लड़कियां ऐसे भी है सोच मानसिक प्रताड़ना ,मार पीट दहेज हत्या ये सब मामला झेल रही है और उन लड़कियों को ये हक है की उन लोगो को सजा दिलवाए जो उनको इंसान नही जानवर समझते है, उन सभी लड़कियां का हक भी है।
मैं उन मामलों पर आज ज्यादा ध्यान देना चाहूंगी जहा ऐसा कुछ नही दोनो अच्छे है पढ़े लिखे है नौकरी भी करते है , वहा पर ऐसा क्यों होता है। आज भी वहा आपको कोई सॉलिड रीजन नही मिलेगा। अब तो लड़कियों से ज्यादा लड़के तलाक लेना चाह रहे है ,और शुरुआत भी वही कर रहे है,क्योंकि अब कानून का भी और पुरानी संस्कृति का कोई लिहाज नही रह गया है।आज कल के ज्यादा घर तो एक्स्ट्रा मैरिटल अफेयर की वजह से भी हो रहे है,क्योंकि आज कल लोगो के पास इतने apps है अफेयर करने के लिए ,hookup करने के लिए ,पैसे है तो आज कल के जमाने में आपको सब कुछ मिलेगा,अब तो लोगो को बच्चा भी मिल जाता है,इन सबकी वजह से रिश्तों में ना प्यार रहा और न ही विश्वास।आज पति पत्नी को अपने रिश्ते से ज्यादा अपने फोन से प्यार होता है,अगर वो एक साथ बैठ के खाना भी खा रहे है तो उनके साथ फोन होगा।कही न कही रिश्तों की जगह फोन भी ले लिया।और इन सब कनेक्टिविटी की वजह से लोगों को लगता है की हमे तो किसी भी रिश्ते की जरूरत ही नही है,मैं पति पत्नी ही हर रिश्ते की बात कर रही हूं।आज कल लोगों धमकियां भी ऐसे ही होती ,की तुम जैसे की तो लाइन लगी है!
क्या पति पत्नी को ये समझने की जरूरत नहीं है की क्या तलाक लेने से सब सही हो जाएगा ,तलाक के बाद भी तो आप फिर से किसी के साथ घर बसाओगे ,क्या उसके साथ आप सही से रहोगे।
जहा तक समझ में आया है दोनो को बस अपनी थोड़ी थोड़ी आदतें बदलने की जरूरत है ,एक दूसरे को समझने की ज़रूरत है ,सब सही हो सकता है।
मेरी ये सारी बातें उन औरतों के लिए है, जिनके साथ घरेलू हिंसा और मारपीट नही हो रहा है ,बस छोटी छोटी बातों की वजह से हम ये डिसाइड करते है। अगर किसी भी औरत के साथ घरेलू हिंसा या मार पीट और मानसिक हिंसा हो रहा है तो वो अगर ऐसा करती है तो सही है।
ये मेरी एक सोच है जो मैने देखा है ,आप सब की क्या राय है?
अगर किसी का दिल दुखा हो तो माफ करना,क्योंकि असलियत वही समझ सकता है जिस पर गुजरती है,बाकी लोग तो सिर्फ कहने के लिए होते है।