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उनके शोलों से दिल मत जलाइए

8 जुलाई 2022

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उनके शोलों से दिल मत जलाइए |

""""""""""""""""""""""""""""""""""""""""""""""

तानों को समझो |

बदजुबानों को समझो |

बेहोशी में कहे गये बयानों को समझो |

हर बात पर आग बबूला मत होइए | 

बिन बरसात गीला मत होइए |

समझिए उनके अरमानों को 

नासमझी में लाल पीले मत होइए |

यह चमन आपका भी है |

अमन से नाता आपका भी है |

उनके फेंके शोलों से 

अग्नि प्रज्वलित होने मत दीजिए |

जल्दी से पानी बरसाआे |

सुलगते शोलों को बुझाओ |

उन्हें पता क्या इन शोलों से 

आग भी लग जाती है |

घर तो घर ,

दिलों को भी जला जाती है | 

इनके अरमानों पर पानी फेरो 

सावन जरा झूम के घटा घेरो

बरसो बादल ,

धरती का हाल उखड़ रहा |

तेरे बिना यह चमन जैसे उजड़ रहा |


कृष्ण तवक्या सिंह

08.07.2017

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