पढ़ता कौन है
""""""""""""""""""""""
मैं लिखता हूँ
मगर पढ़ता कौन है ?
मैं बोलता हूँ
मगर सुनता कौन है ।
मैं जिंदा हूँ
चलता फिरता हूँ
मगर मुझे पहचानता कौन है ।
क्योंकि मैं एक सामान्य आदमी हूँ ।
भीड़ का एक हिस्सा
जो कभी किस्से और कहानियों के
किरदार नहीं बनते ।
छुपे रह जाते हैं वर्तमान की आड़ में
कभी इतिहास के पन्नों पर नहीं आते
बस गर्त में ही रहते हैं
गर्त में ही दब जाते हैं ।
वह सामान्य व्यक्ति
जो जिंदगी भर असामान्य
असाधारण बनने की चाह में
दौड़ लगाता रह जाता है ।
शायद कभी नहीं पूरी होती
उसकी चाह ।
आह लिए आता है
और आहें भरता चला जाता है ।
न जाने कब दरारों में समा जाता है
उसका दर्द समझता कौन है ।
शोर है सारी दुनियाँ में शोहरत के
मोहब्बत समझता कौन है ।
मंदिरों में मन्नत की आवाज गूँज रही
मौन की भाषा समझता कौन है ।
कृष्ण तवक्या सिंह
16.07.2022.