shabd-logo

common.aboutWriter

मैं कविताएँ और लेख लिखता हूँ । पर इससे मेरी कोई आमदनी नहीं है । मैं चाहता हूं कि इससे मुझे कुछ आर्थिक लाभ मिले ताकि मैं लेखन कार्य कर सकूँ ।लिखने से पैसे का उपार्जन नहीं होने के कारण मुझे पैसे के उपार्जन के लिए दूसरे काम करने पड़ते हैं और मैं लिख नहीं पाता । कई विचार मन में उठते हैं पर समय नहीं मिलने के कारण उसे पन्नों पर उतार नहीं पाता और वे गायब हो जाते हैं ।

no-certificate
common.noAwardFound

common.books_of

common.kelekh

पढ़ता कौन है

16 जुलाई 2022
0
0

पढ़ता कौन है """""""""""""""""""""" मैं लिखता हूँ मगर पढ़ता कौन है ? मैं बोलता हूँ  मगर सुनता कौन है । मैं जिंदा हूँ  चलता फिरता हूँ  मगर मुझे पहचानता कौन है । क्योंकि मैं एक सामान्य आदमी हूँ

हम यह कौन सी संस्कृति अपना रहे हैं

8 जुलाई 2022
0
0

हम यह कौन सी संस्कृति अपना रहे हैं । """"""""""""""""""""""""""""""""""""""""'''''""     बात जहाँ तर्क वितर्क और विवेक की हो वहाँ धमकी मारपीट की बातें होने लगी है । हम इसलामिक संस्कृति की देखादेखी त

उनके शोलों से दिल मत जलाइए

8 जुलाई 2022
0
0

उनके शोलों से दिल मत जलाइए | """""""""""""""""""""""""""""""""""""""""""""" तानों को समझो | बदजुबानों को समझो | बेहोशी में कहे गये बयानों को समझो | हर बात पर आग बबूला मत होइए |  बिन बरसात गीला म

माँ काली के रूप

6 जुलाई 2022
0
0

माँ काली के रूप  """""""""""""""''""""" भारत में कई देवी देवता हुए । कई आविष्कृत किए गए और उनमें निहित गुणों के आधार पर उनके प्रतीक गढ़े गए जिसके आधार पर हमने उनको और उनके माध्यम से स्वयं को जानने स

धर्म के नाम पर

5 जुलाई 2022
0
0

धर्म की स्थापना मनुष्य के जीवन को सरल और आसान बनाने के लिए की जाती है । धर्म वह माध्यम है जिससे व्यक्ति स्वयं को अस्तित्व के साथ जुड़े होने का अनुभव करता है , जिसे परमात्मा , ईश्वर भी कहते हैं । वह व्

---

किताब पढ़िए

लेख पढ़िए