विनोद महर्षि अप्रिय
लेखन ही मेरा जीवन है
शापित राजकुमारी
एक ऐसी कहानी, जहां राजपरिवार में रहकर युद्धकला में माहिर एक सैनिक सेनापति बनने के लिए राज्य की एक प्रतियोगिता में भाग लेता है , लेकिन उस प्रतियोगिता में वो राजा की नाबालिग पुत्री से हार जाता या और उस हार का बदला वो अलग तरीके से लेता है। अपनी हार से क
शापित राजकुमारी
एक ऐसी कहानी, जहां राजपरिवार में रहकर युद्धकला में माहिर एक सैनिक सेनापति बनने के लिए राज्य की एक प्रतियोगिता में भाग लेता है , लेकिन उस प्रतियोगिता में वो राजा की नाबालिग पुत्री से हार जाता या और उस हार का बदला वो अलग तरीके से लेता है। अपनी हार से क
चुड़ैल एक अनहोनी
एक सामाजिक कहानी, जिसमे पियक्कड़ पिता की वजह से नवजात लड़की की मां मर जाती है और समाज उस लड़की को गलत मानने लगता है। ऐसे कई और हादसे ईश्वर उसके जीवन मे एक के बाद एक करता है और पूरा समाज उसे चुड़ैल कहकर ताने मारता है। कैसे वो लड़की समाज का सामना करेगी और ब
चुड़ैल एक अनहोनी
एक सामाजिक कहानी, जिसमे पियक्कड़ पिता की वजह से नवजात लड़की की मां मर जाती है और समाज उस लड़की को गलत मानने लगता है। ऐसे कई और हादसे ईश्वर उसके जीवन मे एक के बाद एक करता है और पूरा समाज उसे चुड़ैल कहकर ताने मारता है। कैसे वो लड़की समाज का सामना करेगी और ब
देवांशी
पहाड़ी आदिवासी कबीले की एक प्रथा सिल्वटी के कारण काबिले की महिलाओं पर हो रहे अन्याय और शारीरिक शोषण के खिलाफ एक नाबालिग विवाहिता ने आवाज उठाई तो कबीले के मुखिया ने उसे उसके परिवार सहित दफना दिया। देवांशी की आत्मा को शांति नही मिली और वो भूतनी बनकर आ ग
देवांशी
पहाड़ी आदिवासी कबीले की एक प्रथा सिल्वटी के कारण काबिले की महिलाओं पर हो रहे अन्याय और शारीरिक शोषण के खिलाफ एक नाबालिग विवाहिता ने आवाज उठाई तो कबीले के मुखिया ने उसे उसके परिवार सहित दफना दिया। देवांशी की आत्मा को शांति नही मिली और वो भूतनी बनकर आ ग
चांडाल (ट्रेलर)
एक वैभवशाली राजा जिसके एक ही पुत्र था। आने राज्य में अपने न्याय के लिए मशहूर राजा प्रजा के लिए बहुत ही अच्छा था। राजा का पुत्र सुभद्र देव बचपन से परकर्मी और मेधावी था। लेकिन एक राजकुमारी कें प्रेम में फंसकर वो एक प्रतियोगिता हार जाता है और इस हार से
चांडाल (ट्रेलर)
एक वैभवशाली राजा जिसके एक ही पुत्र था। आने राज्य में अपने न्याय के लिए मशहूर राजा प्रजा के लिए बहुत ही अच्छा था। राजा का पुत्र सुभद्र देव बचपन से परकर्मी और मेधावी था। लेकिन एक राजकुमारी कें प्रेम में फंसकर वो एक प्रतियोगिता हार जाता है और इस हार से
दहलीज
प्यार के गलत अर्थ और समाज के गलत नजरिए को दिखाती एक कहानी। जहां युवा स्त्री की चाह में और स्त्री किसी और लालसा में किस कदर दहलीज को पार कर सकते हैं और फर उसका परिणाम क्या हो सकता है। जानने के लिए पढ़िए।
दहलीज
प्यार के गलत अर्थ और समाज के गलत नजरिए को दिखाती एक कहानी। जहां युवा स्त्री की चाह में और स्त्री किसी और लालसा में किस कदर दहलीज को पार कर सकते हैं और फर उसका परिणाम क्या हो सकता है। जानने के लिए पढ़िए।