“गज़ल”सब्ज सपने हलाल मत करना सजन अब तो मलाल मत करना क्या खुशी है इस पल नैनों में लूट कर दिल सवाल मत करना॥आज फिर से हवा चली आयीधार अंधड़ बवाल मत करना॥प्यार चाहत चुरा न लेना तुम आँख फरके उबाल मत करना॥यदि पड़ी नजर किरकिरी कोईरगर आँखें गुलाल मत करना॥ बे फिक्र डगर मतलबी छाहेंगैर