“मुक्तक”कन्या देवी रूप कुमारी गौरी पूजन। रूप मातु अनुरूप अलौकिक शोभा गुंजन। कन्यादान महान विधान भारती जोड़ा- सिंदूरी सौभाग अटल विश्वासी भू-जन॥-१ विवाहिता का रूप मांग सिंदूर सजाएनवदंपति अनुरूप गृहस्ती मन हर्षाए। परिवार परिधान बाग जस कोमल कलियाँ- मंगल चरण प्रभात सूर्य रथ च