प्यार का दिन 14 फरवरी
कल राधा-शाम मिले मुझे
रात की गहरी मीठी नींद में
बोले सुनो प्यारी हमारी
सलाह चाहिए विशेष बात में
अचरज हैरान भाव से
में यकीन ना कर सकी
प्यार त्याग की मूरत भला
क्यों मुझसे सलाह मांग रही
आखिर यकीं कर मै उनपे
बहुत किस्से उनके सुनाये
बोले हमारे प्रेम की छोड़ो
तुम्हारे वाले प्रेम दिवस की सुनाये
आजकल यही देख देख हम
सोचा तुमसे पूछने आये
एक दिन में कैसे प्यार सिमटा है
कृपा कर हमें भी यह समझाये
भारतवर्ष का इतिहास देख लिया
हमें यह दिन कभी मिला ही नहीं
लगा हमारे बाद की बात हो
चलो धरती पर देखे कही
हम तो भोले बावरे ठहरे
रोज रोज प्यार लुटाने वाले
एक दिन में जो उलेडदे प्यार
ऐसे नहीं हम दिलवाले
बताओ थोड़ा विवरण से हमें
हम भी शायद प्यार सिख जाये
बरसो मन ना जित सके वो
एक दिन में शायद जित जाये
चुप्पी से होठ सील गए
प्यार की मूरत की बात सुन
क्या जवाब दू सूझ नहीं पड़ी
उनसे आज के दिन की सुन
हाथ जोड़कर कहा उनसे
भारतवर्ष में आपसा प्रेम कहा
सदियाँ बीती जा रही पर
राधा कृष्ण सा मेल कहा
यह दिन किसी प्यार का नहीं
प्यार में जान देने वाले का है
भारतवर्ष में ना था ना होगा
यह तो पश्च्यात देश का है
दुनिया अजीब पहेली है
किसी के दर्द में ख़ुशी देखे
टूटे तारे से मन्नत मांगे यहाँ
किसी के मरने को प्यार का दिन कहे
प्यार क्या कुछ पल का होता है?
प्यार का एक दिन में होता है ??
कैसे भूल रहे आपके प्यार को
प्यार की परिभाषा जो सिखाता है
राधा बोली "तो यह क्या है?"
शाम बोले "एक दिन का प्यार"
राधा कहे "तो हमारा प्यार क्या था?"
शाम कहे "जन्मों के प्यार का सार"
कैसी विडंबना है कान्हा
देखो तुम चारो ओर जरा
प्यार का दिन मनाने वालों में
दिख रहा है कही प्यार खरा??
कान्हा बोले सुनो राधे
यही दिखावे का प्यार है आज
एक दिन में सब प्यार बतादो
फिर मन में ना हो भले साच
इंसान प्यार का प्रतिक है कान्हा
प्यार से प्यार बढ़ाना ही प्यार
इंसान होके ना कर सके यह तो
कैसा यह एक दिन का प्यार
सच है राधे बात तुम्हारी
पर यह आज का सच ही है
हमारे प्यार का अंश ना रहा
बस प्यार अब केवल नाम ही है
प्यार में सन्मान होता है
प्यार में आदर होता है
जुड़ जाये जिससे यह मन
उनका प्यार ही दूजा होता है
प्यार ना किसी दिन का मोहताज
प्यार ना किसी पल का मोहताज
जबसे हो जाये यह जीवन में
बन जाता है जीवन सरताज
छूट जाते है प्राण तन से
पर प्यार ना छुटे मन से
प्यार पाने से ज्यादा पूजे तो
कहलाये वो राधे श्याम से
दो शरीर पर आत्मा एक हो
आँखों में बस छवि एक हो
मन के द्वार जब भी खुले तो
उस मंदिर में मूरत बस एक हो
एक के घाव दूसरे मन लागे
दूसरे का दर्द अपनी आँख से बहे
प्यार का मतलब वो ही जाने
जो बिना मतलब के प्यार करे
मतलब की तलब हो जिसमें
वो क्या प्यार समझ सके
खो दो किसीके खातिर अपने को
इस से ज्यादा प्यार क्या हो सके
समझ गयी उनकी बातें में
जान गयी मै प्यार का भेद
संत वैलेंटाइन की कहानी जानो
फिर कहो क्या है वैलेंटाइन डे
प्यार हो तो राधा कृष्ण सा
प्यार हो तो राम सिया सा
प्यार का मर्म समझ जाओगे तो
नाम तुम्हारा भी होगा इनके जैसा
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कवयत्री,रचयिता ,पत्रकार
सीमा पुनमिया ,पेण -रायगढ़
【मरुधर में सादड़ी】
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