तरनीवैतरनी,जयगइयादुखहरनी।जयगइयाजयजयघरभरनी,जयशुभमंगलकरनी।। तेरीमायाहैअपार,वेदपामेंनहींपार,रहीजगशीशधार,गुणतेरेहैंअनन्त। अनन्ततेजबारी,सेबाकरिकेंमुरारी,कियेकामसुखकारी,भयेआपभगवन्त।। भगवन्तसंगसुर,असुर,नाग,नरउदरसभीकेभरनी-------------1 भरनीजगकौभण्डार,करैभवतेतूपार,रहैशेषपैसबार,कृपासबपैकरै।करैसींगकौप्रहार,पापभागेंकोसचार,होइअधरमकीहार,दुखपामनाधरै।।धरैरूपअगणितअपारतू,विधिप्रपंचसिरधरनी-------------2 धरनीसींगपैसुहाई,तेरीबङीप्रभुताई,जहाँपूछदेफिराई,हैजाइसोपवित्र।पवित्रहोइसोईठाम,जहाँपरेंतेरेपाम,माँटमेरौप्यारौधाम,सबजगतेविचित्र।। विचित्रतेरौप्रभावपरैना,समझरागमदहरनी--------------3 हरनीकालकौप्रभाव,सदासूधौहैसुभाव,नहींराखैतूदुराव,करैसबहीपैप्यार। रहैकृष्णकेतूपास,तनदेवकरेंबास,फैल्यौजगमेंप्रकाश,तेजतेरौहैअपार।।पारिरहैगिरिराजजमुनकी,तूवंशीवटचरनी-----------4