(1)=ज्योति=ब्रह्म=शब्द=शिव=परमपुरुष=ईश्वर।। (2)=पुरुष-प्रकृति।,कृष्णपक्ष-शुक्लपक्ष।,अश्वनीकुमार।। (3)=गुण=सत्-रज्-तम्।,विष्णु-ब्रह्म-रुद्र(महेश,शंकर)।,ताप=दैहिक-दैविक-भौतिक।,दोष=वात्-पित्त-कफ।,लोक=भू:-स्व-पाताल।,ऋण=देव-ऋषि-पित्र।। (4)=युग=सत्-त्रेता-द्वापर-कलि।,पुरुषार्थ=धर्म-अर्थ-काम-मोक्ष।,नीति=साम-दाम-दण्ड-भेद।,वेद=ऋक्-यजु-साम-अथर्व।,आश्रम=ब्रह्मचर्य-गारहस्थ-वानप्रस्थ-संन्यास।,वंश=सूर्य-चन्द्र-ऋषि-अग्नि।। (5)=अमृत=गायका,दूध-दधि-घी-शहद-शर्करा।,यग्य=देव-पित्र-ऋषि-भूत-अतिथि।,सरोवर=विन्द-पम्पा-मान-पुष्कर-नारायण।,कर्मेन्द्रिषयाँ=हाथ-मुँह-पैर-गुदा-उपस्थ।,ग्यानेन्द्रियाँ=आँख-कान-नाक-जिव्हा-त्वचा।,कोश=अन्नमय-प्राणमय-मनोमय-विग्यानमय-आनन्दमय।,भूत=पृथ्वी-जल-वायु-अग्नि-आकाश।। (6)=ऋतु=बसंत-ग्रीष्म-वर्षा-शरद-हेमन्त-शिशिर।,वेदांग=शिक्षा-कल्प-व्याकरण-छन्द-निरुक्त-ज्योतिस।,शास्त्र=वैशेषिक-वेदान्त-योग-तर्क-सांख्य-पूर्वमीमांसा।,शत्रु=काम-क्रोध-लोभ-मोह-मद-मत्सर।। (7)=लोक=भू:-भुव:-स्व:-मह:-जन:-तप:-सत्य।,पाताल=नितल-अतल-वितल-तलातल-सुतल-पाताल-महातल।,स्वर=षडज्-ऋषभ-गांधार-मध्यम-पंचम-धैबत-निषाद।,ऋषितारामण्डल=मरीचि-अत्रि-अंगिरस-पुलिस्त्य-पुलह-कृतु-बसिष्ठ।,सप्तऋषि=कश्यप-अत्रि-भरद्वाज-विश्वामित्र-गौतम-जमदग्नि-बसिष्ठ।,वन=दण्डक-खण्डक-चम्पक-नैमिष-धर्म-अभय-वेद।,पुरी=माया-अयोध्या-अवन्तिका-द्वारावती-कान्चीपुरी-काशी-मधुपुरी(मथुरा)।,आशय=रुधिराशय-श्लेष्माशय-आमाशय-पित्ताशय-पक्वाशय-वाताशय-मूत्राशय(स्त्रीमें-गर्भाशय)।।धातु=सोना-चाँदी-तावाँ-रांगा-जस्ता-शीशा-लोहा-पारद्।,सिद्धि=अणिमा-महिमा-लघिमा-गरिमा-प्रापति-प्राकाम्य-ईशित्व-शिवत्व।,दिशा=पूर्व-आग्नेय-दक्षिण-नैऋत्य-पश्चिम-वायव्य-उत्तर-ईशान ।,वर्ण=श्वेत-सारंग-पिंगल-कृष्ण-नील-लोहित-गौर-हरित।,वसु=आप-घ्रुव-सोम-धर्म-अनिल-अनल-प्रत्यूष-प्रभास।,दिग्पाल=ऐरावत-पुण्डरीक-वामन-मुकुन्द-पराजित्व-यम-सारभकुन्त-हेमदन्त।। (9)=रत्न=हीरा-माणिक्य-पन्ना-मोती-गोमेद-मूँगा-पुखराज-नीलम-लहसुनियाँ ।,गृह=सूर्य-चन्द्र-मंगल-बुध-गुरु-शुक्र-शनि-राहू-केतु ।,रिद्धि=पद्म-महापद्म-कच्छप-मकर-मुकुन्द-शंख-नील-जुकुन्द-वशीत्व।। (10)=अवतार=मत्स-कच्छप-वाराह-नृसिंह-वामन-परषुराम-श्रीराम-कृष्ण-बुद्ध-कल्कि।,नाङी=इङा-पिंगला-सुष्मना-गान्धारी-हस्तजिव्ह-पूषा-यशश्विनी-अलम्वुषा-कुहू-शंकिनी।,छिद्र=आँख(2)-कान(2)-नाक(2)-मुँह-गुदा-उपस्थ-ब्रह्मरंध्र।। (11)=उपनिषद=ईशावास्य-छान्दाग्य-कठो-प्रश्न-मुण्डक-माण्डूक-तैतरेय-ऐतरेय-वृहदारण्यक-केन-श्वेताश्वेत।,रुद्र=अजयकपात-अहिर्बुघ्न-कपाली-हर-बहुरूप-त्र्यम्बक-अपराजित-वृषाकपि-शम्भु-कार्दी-रैवत।। (12)=सूर्य=भग-अंशु-अर्यमा-मित्र-वरुण-सविता-धाता-विवश्वान-त्वष्टा-पूषा-इन्द्र-विष्णु।,राशि=मेष-वृष-मिथुन-कर्क-सिंह-तुला-वृश्चिक-धनु-मकर-कुम्भ-मीन।,मास=चैत्र-बैसाख-ज्येष्ठ-आषाढ-श्रावण-भाद्रपद-आश्विन-कार्तिक-मार्गशीर्ष-पौष-माघ-फाल्गुन।। (14)=सामुद्रिकरत्न=श्री-रम्भा-विष-वारुणी-अमीय-तोय-गजराज-,धनु-धन्वनतरि-कल्पतरु-शंख-चक्र-मणि-वाज।,विद्या=आन्विक्षिकी(3)-त्रयी(3)-वार्ता(3)-दण्डनीति-भरतनाट्यम्,-युद्धविद्या-गुह्यविद्या-ध्यूतविद्याशाश्वतम्।,भुवन=भू:-भुव:-स्व:-मह:-जन:-तप:-सत्य-नितल-अतल-वितल-तलातल-सुतल-पाताल-महातल।,मन्वन्तर=स्वायम्भुव-स्वारोचिष-उत्तममनु-तामस-रैवत-चाक्षुष-विवश्वान-सावर्णि-दक्षसावर्णि-ब्रह्मसावर्णि-धर्मसावर्णि-रुद्रसावर्णि-रौच्यसंग्यक-भौत्यसंग्यक।। (16)=संस्कार=गर्भाधान-पुंसवन-सीमंतोन्नयन-जातकर्म-नामकर्ण-डनिष्क्रमण-अन्नप्राशन-मुण्डन-कर्णवेध-उपनयन-वेदारम्भ-समावर्तन-विवाह-वानप्रस्थ-संन्यास-अंत्येष्टि।,कला=अमृत-गानदा-पूषा-तुष्टि-पुष्टि-रति-शशिनी-चन्द्रिका-धृति-कांति-ज्योत्सना-श्री-प्रीति-अंगदा-पूर्णा-पूर्णामृता।। (18)=पुराण=ब्रह्म-पद्म-विष्णु-नारद-मारकण्डेय-अग्नि-भविष्य-ब्रह्मवैवर्त-लिंग-वाराह-वामन-स्कन्ध-कूर्म-मत्स्य-गरुण-शिव(वायु)-ब्रह्माण्ड-भागवत।।