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कविता

28 अक्टूबर 2016

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हरेकृष्णहरेकृष्णकृष्णकृष्णहरेहरे।हरेरामहरेरामरामरामहरेहरे।। मोरध्वजमीरारहीमनेमनइसमेंरमायाथा। होकरमगनअपनेबेटासेनाहरकोजिमायाथा।। मगनहोकेमीरानेजहरगटगटचढायाथा। नसेमेंझूमतेगातेयहीकीर्तनसुनायाथा--------------1 इन्द्रकीपूजाछुङामोहनगोबर्धनपूजाकराईथी। मनौतीमानबहनभाईनेजुमनाएकसंगनहाईथी।। नहा परिक्रमालगानेकीमनअभिलाषाछाईथी। चलेसबझुँडबनाकरदशोंदिशसेआबाजआईथी।।---------------2 देखाएकबारजंगलमेंसभीनेमोहनसनेहीको। मगनथाप्रेममेंप्रभुकेभुलायेअपनीदेहीको।। देखानाचतेगातेसबनेप्रभुचैतन्यनेहीको। भराथामनमेंजनजनकेइसीएकमंत्रमेहीको।।------------3 प्रभुअग्यानहूँमुझमेंनहींहैग्यानकीज्योती। शरणमैंतेरीआयाहूँदेखकरदुनियाँकोरोती।। ग्यानकीपारनहींपङतीविजयमायाकीयहाँहोती। कृपाकरिभक्तिकादीजैयहगिरिराजकोमोती।।--------4

गिरिराजसिंहराघव की अन्य किताबें

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प्रार्थना

6 सितम्बर 2016
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करकमलेवीणाधारिणीम्,हंसारूढालंकृताम्।प्रफुल्लबदनेमातासरस्वती,प्रणमामिताम् पादार्विंदम्।। धबलवसनेविभूषिता,कम्बुग्रीवास्निग्धशरीर:।स्नेहवतीसरसीरुहनयनचारुपद्मा,प्रददातियासर्वदानम् ।। पालयन्ती,सर्वदात्री,सर्वग्य,सर्वकर्त्रीसदा।अग्यानं,निर्बलं,निर्धनंचबन्देत्वाम्राजी

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।।संख्या वाचक आध्यात्मिक विवरण।।

8 सितम्बर 2016
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(1)=ज्योति=ब्रह्म=शब्द=शिव=परमपुरुष=ईश्वर।। (2)=पुरुष-प्रकृति।,कृष्णपक्ष-शुक्लपक्ष।,अश्वनीकुमार।। (3)=गुण=सत्-रज्-तम्।,विष्णु-ब्रह्म-रुद्र(महेश,शंकर)।,ताप=दैहिक-दैविक-भौतिक।,दोष=वात्-पित्त-कफ।,लोक=भू:-स्व-पाताल।,ऋण=देव-ऋषि-पित्र।। (4)=युग=

3

।।संख्या वाचक आध्यात्मिक विवरण।।

8 सितम्बर 2016
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(1)=ज्योति=ब्रह्म=शब्द=शिव=परमपुरुष=ईश्वर।। (2)=पुरुष-प्रकृति।,कृष्णपक्ष-शुक्लपक्ष।,अश्वनीकुमार।। (3)=गुण=सत्-रज्-तम्।,विष्णु-ब्रह्म-रुद्र(महेश,शंकर)।,ताप=दैहिक-दैविक-भौतिक।,दोष=वात्-पित्त-कफ।,लोक=भू:-स्व-पाताल।,ऋण=देव-ऋषि-पित्र।। (4)=युग=

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।।सरस्वती बन्दना।।

9 सितम्बर 2016
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बीणासोहेकरकमल,हंसबिराजौमाय।द्यानज्योतिहृदयभरौ,शारदहोइसहाय।।शारदहोइसहाय,मातभूलूँतोगायानबताना।हूँअजानअग्यानमातकर,पकङमुझेअपनाना।।व्नयकरूँकरजोरि,ध्यानमेरीविनतीपरलाना।क्षमाकरौअपराधमातमेरे,बिगङेकामबनाना।।सदागुणतेरेगाऊँ,मातबलितेरीजाऊँ।कृपाकरितोइमनाऊँ।।मैंगिरिराजअजानतेरेचरननमेंशीशझुकाऊँ।।

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पद

11 सितम्बर 2016
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छोङौदम्भकपटसबप्रानी। दम्भकपटमगहैंअधरमकेममतामायाजानी।। लोभमोहभवकेबन्धनहैंमतिबनिजीवगुमानी।। छलसेवैरवैरसेगुस्सासेअपराधकहानी।। अपराधोंसेबुराहोइन

6

पद

11 सितम्बर 2016
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आऔदीननकेभगवान।मायामेंफंसकरअपनेकोभूलाहरइंशान।। नैतिकपतनहुआजनजनकाहिन्दु,इसाई,खान।।मूढमनुजमोहेममतामेंसिरपरमोहमहान।।धरमकरमकीबातजगतमेंकरैनकोईकान।।सबलभ्रातनिर्बलकोमारैंरहानहींईमान।।बुरेकरमसेसबजगउजङासाधुभयेहैरान।।विनतीसुन"गिरिराज"अधमकीप्रभूबचाऔजान।।

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यथार्तता

11 सितम्बर 2016
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श्रीरामऔरकृष्णकोबखानतहीआयेसब,कहौकौनइनसमआजबनिपायौहै।क्षत्रीकहाइसबबनेहैंलवारदेखौ,क्षत्रिनधर्मकर्मअपनौगमायौहै।। गाइगाइगीतकोबन्यौहैधीरवीरयोद्धा,कहौकौनमनकेलड्डूखाइकेंअघायौहै।।कैसेबनेराम,कृष्ण,अर्जुन,प्रताप,शिवा,पाठयहहमेंनहींकाऊनेंबतायौहै।।शिक्षाहेतुसबरहेगुरुकुलमेंगुरुपासब्रह्मचर्यव्रतदृढतासेअपनायौहैमिलेज

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पद

12 सितम्बर 2016
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मेरीसुधिलीजैगिरधारी।अधमउधारकआपकहायेदीननकेहितकारी।। तारेअधमअनेकआपनेदानवविकटसुरारी।।धर्मीपरमकुकर्मीकामीसबभवसेदयेतारी।।तुमकारणउत्पत्तिपालनकेतुमहीबनेसंहारी।।आजदयाकरिचितवौस्वामीमैंपापीबङभारी।।सोयेकहाँनीदलैसुखकीमेरीसुरतिविसारी।।कबैगिरिराजआइप्रभुदेखौबिगरैलाजतुम्हारी।।

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पद

12 सितम्बर 2016
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रामममनैननवासकरौ।सांवरिसूरतिमोहकजनमनगोरसमुखलिसरौ।। धनुषवानराजतप्रभुकरमेंमस्तकखौरखरौ।।तुमपालकदीननकेस्वामीमतिनिजटेकटरौ। निजमुखनिरखिमणिमुक्तनमेंकिलकतअजिरचरौ।।यहीविनयबसिवेंममनैननऐसौहीरूपधरौ।।कागभुषुण्डिशिवमनमानसकौतूराजहंसअगरौ।।सुनिगिरिराजअधमकीविनतीमममदमोहहरौ।।

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पद

12 सितम्बर 2016
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मायाहैसबतेबङठगिनी।।चरऔरअचरनचाबनहारीयमराजाकीभगिनी।।ईश्वरकीभगतीमेंबाधकमनअधरमरंगरंगनी।।करनीधरमपुण्यकौभक्षणग्यानज्योतिकणचुगनी।।तीनलोकमेंफिरतीजैसेखगराजाकीखगिनी।।अनुपमछवित्रैलोकसुन्दरीश्रीविष्णुकीसंगिनी।।मोहमढेमूरखनहींसमझेंकरनचहैंकरकंगिनी।।मतिगिरिराजसंगप्रभुकरयोंयामायाकीमंगनी।।

11

पद

12 सितम्बर 2016
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मोकूँक्योंविसरायौस्वामी।।तारेसदाअधमबङपापीबङेकुमारगगामी।।मदमांतेतुमनेखलतारेदेव,दनुज,नरकामी।।निर्बलकेबलआपकहायेभरतसकलजगहामी।।दीननकेतुमबन्धुकहायेऔरहितकारीनामी।भगतनकीपतवारनावकीअपनेकरमेंथामी।।अहंकार,मद,मारसेमोहितमैंहूँनिपटहरामी।।विनयसुनौगिरिराजअधमकीतुमहौअन्तर्यामी।।

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पद

14 सितम्बर 2016
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नरकरितूअपनाउद्धार। काम,क्रोघ,पाखण्ड,द्रोहतजिसत्यहृदयमेंधार।। कलियुगकेदलकलिषुकपटमगबैठेसैनसम्भार।। मनकोलैंइलुभाइअनौखीमदनमोहनीडार।। साबधा

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पद

14 सितम्बर 2016
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जगमेंफैलाकपटव्यवहार।।सत्यन्यायकीदेतदुहाईपापहृदयमेंधार।। बगुलाभगतमलिनमनमलसेबनेंसंतसंसार।। ठाटबाटऔररहनसहनमेंमानैसुरपतिहार।। बोलैंझूँठचौबीसौंघण्टा करेंझूँठाकारोबार।। पल-पलवचनबदलतेरहतेन

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पद

15 सितम्बर 2016
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गोपालमेरीअँखियनबासकरौ।।लैलकुटीमुरलीकामरियाडेराआपधरौ।।इनआँखिनमेंकामबसतहैतासोंनतनिकडरौ।। दूरिकरौआँखिनसेममतामदऔरद्रोहहरौ।। राजहंसबनिममअघ,पापनस्वामीआपचरौ।। साँवरिसूरतनिरखिहोइममद्रोहदूरिसबरौ।।

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कवित्त

17 सितम्बर 2016
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श्रीरामऔरकृष्णकोगावतहैसाराजगआजगीतगाइवेकीलगीहोङभारीहै।आजबनेठेकेदाररामऔरकृष्णकेजोढोंगभरेंढोंगीमानौसच्चेअनुचारीहै।।रामकृष्णवंशधरकोईनहींइनमेंसेसत्तापाइवेकीमहजकोरीहोश्यारीहै।झूँठे,चोर,धोकेबाजइकट्ठेभयेबेईमानउल्लूहोइसीधौमनसबनेविचारीहै। सत्तापाइकाँग्रेसनेमातृभूमिबाँटिदईराखेमुसलमानजिनतेइनकीव्यौहारीहै

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मुक्तक(कवित्त)

19 सितम्बर 2016
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मधुकरकीबातसबमधुकरकीभाँतिजानौ,मधुकरकीबातहेलीकैसेंपतिआऔगी।पहलेंपतिआईंसोपाइरहींदुखआज,आजपतिआइजानअपनीगमौगी।।छोङिकेंसदेहश्यामगोरखेंजगाऔजाइ,ब्रह्मनहींपाबैफेरिमनपछिताऔगी।कहैंगिरिराजबनीएककीरहौरीबहन्,लाखकीकहाइकूआकौनसेमेंजाऔगी।। शुभदिनआजदरशपायौ

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मुक्तक(कवित्त)

19 सितम्बर 2016
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श्यामपतिआयौबानेंहमसंगछलकियौ,तजिदियौब्रजजाइमथुराकौबासलियौ।परसोंकीकहिकेंगयौआजतकआयौनाइ,हाइऐसेछलियाकौहमबिसवासकियौ।।श्यामनेंजताइप्रेमहमभरमाइलईं,तजिदियेआजकरिसाँवरेकीआसजियौ।कहेंगिरिराजमतिब्रह्ममेंरमाऔमन,यादिकरिसांवरेकीसुधारंगरासपियौ।।

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मुक्तक(कवित्त)

19 सितम्बर 2016
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श्यामपतिआयौबानेंहमसंगछलकियौ,तजिदियौब्रजजाइमथुराकौबासलियौ।परसोंकीकहिकेंगयौआजतकआयौनाइ,हाइऐसेछलियाकौहमबिसवासकियौ।।श्यामनेंजताइप्रेमहमभरमाइलईं,तजिदियेआजकरिसाँवरेकीआसजियौ।कहेंगिरिराजमतिब्रह्ममेंरमाऔमन,यादिकरिसांवरेकीसुधारंगरासपियौ।।

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मुक्तक(सवैया)

20 सितम्बर 2016
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(1)=श्रीश्सामकीसूरतमनमेंबसीफिरिकैसेंकहौमनब्रह्मसमावै। कोब्रह्मकोभूषण,बस्त्रतजें,आसनकोश्यमशानजमावै।। कहौसाँचीसखाश्रीश्यामकेऊधौनिर्गुणमेंमनकौनरमावै। गिरिराजकहेंतनश्यामबसैकहौब्रह्मबसाइकोधर्मनसावै।। (2)=निर्गुण,निराधार,नि

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मुक्तक(सवैया)

20 सितम्बर 2016
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(3)=ऊधौबाततुम्हारीनमनमेंबसीराहसूधीहमेंअबआपबतामें। यहाँश्यामबसेंजङचेतनमेंफिरिब्रह्मकोकैसेंकहाँपैबसामें।। तुमग्यानसंदेशौसुनायौयहाँकैसेश्यामरहेंनहींआपबतामें। गिरिराजकहौहमपूछिरहींअबकैसेकहाँहमश्यामकोपामें।। (4)=श्रीश्यामबिनाराधेआधीभईत

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सरस्वती-बन्दना

21 सितम्बर 2016
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करकमलेवीणाधारिणीम् हंसारूढालंकृताम्। प्रफुल्लबदनेमातासरस्वतीप्रणमामिताम् पादार्विन्दम्।। धवलबसनेविभूषिताकम्बुग्रीवास्निग्धशरीर:। स्नेहवतीसरसीरुहनयनचारुपद्माप्रददातियासर्वदानम्।। पालय

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चौबोला(कविता)

21 सितम्बर 2016
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(1)=गुरूचरनकीधूरिबिन,मिटैनहींअग्यान। विनयकरूँकरदोकृपा,मुझकोजानअजान।। मुझकोजानअजान,ग्यानकीज्योतिजलाओमनमें। मात पिता प्रभुआपकरौतुमबासआइममतनमें।। तुच्छबुद्धिसेचहूँघूमनाराघवविकटविपिनमें।

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कविता(चौवोला)

21 सितम्बर 2016
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(2)=वीणासोहैकरकमल,हंसबिराजौमाय। ग्यानज्योतिहृदयभरौशारदहोइसहाय।। शारदहोइसहाय,मातभूलूंतोग्यानबताना। हूँअजान,अग्यानमातकरपकङमुझेअपनाना।। विनयकरूँकरजोरिध्यानमेरीविनतीपरलाना। क्षमाकरौअपराधमातमेरेविगङेकामबनाना।। सदागुणतेरेगाऊँ,मातबलितेरीजाऊँ; कृपाकरितोइमनाऊँ। मैंगिरिराजअज

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चौवोला (कविता)

21 सितम्बर 2016
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(3)=जय जय जयबागीश्वरी,जयजयशारदमात। रखौलाजगिरिराजकीग्यानज्योतिभरगात।। ग्यानज्योतिभरगात,मातलैआऔहंससबारी। मोसेदीनअनाथकीखुदकरौआइरखबारी।। मायादेउभगाइहृदयसेदेउगुमाननिकारी। दूरकरौदुख,दम्भमातमेंकरताविनयतुम्हारी।। विनयसुनिजल्दीआऔ,दासकोधीरबधाऔ; ग्यानहृदयमेंभरदो। नावफंसीमजधारकृपाकरिपारभगवतीक

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चौवोला (कविता)

21 सितम्बर 2016
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(4)=कृष्णजन्मकीखबरिसुन,हृदयबढ्यौउल्लास। भोलादरशनकरको,तजनचह्यौकैलास।। तजनचह्यौकैलास,नन्दीनिजतुरतबुलायौ। कहीकथासमझाइजन्मलैईश्वरब्रजमेंआयौ।। जाँतलखनब्रजनिरखिमगनमननन्दीबचनसुनायौ। संगलैचलौमोइनाथमनमेरोअतिहुलसायौ।। राहमेंकंटकभारी,करौमोपैअसबारी; कटैमगसहजसुखारौ। कहैगिरिराजआजब्रजआयौशम्भु

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कविता

24 सितम्बर 2016
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सजायौनन्दीभोलानैजापैकूदिभयौअसबार। हाथमेंडमरूऔरकपाल,गलेमेंनरमुण्डनकीमाल; कमरिमेंकसीसिंहकीखाल। भस्मरमीहैअंगमेंतिलकलग्यौहैभाल। अंगअंगसोहैंबङेबिसधरसर्पबिसाल।। अनुपमशीशजटनसेनिकसी,श्रीगंगाकीधार---------------भोलामनमेंरह्यौसिहाय,नादियाआगेंदियौबढाय; कू

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कविता

24 सितम्बर 2016
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दरशनकीभोलाकही,अपनाआँखिनिकारि। धीरजधरिकनेलगीसुघङसलौनीनारि।। दरशनझगङौकरिनापाबैगौ,तूसोचिसमझिलैभोला।। भस्मअंगतेरेलगी,कसीबाघकीखाल। करैसबारीबृषभकी,करमेंलग्यौकपाल।। दोसफिरिहमकूँबहुतलगाबैगौ------------------------------1 बिकटभेषतेर

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कविता

25 सितम्बर 2016
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बातेंसुनिकेंनारिकी,भोलाकियौविचार। प्रेमजताकहनेलगेऐसेंवचनउचार।। तूआजमोइमतिहटकै,मैंतोइकहूँसमझाय। वृथाक्योंहमतेअटकै,रह्यौदरशनकूँमैंजाय।। मैंबहुतदूरितेआयौ,गईयहाँमुसीबतआय। मोइप्रेमखेंचिकेंलायौ,दीनीहैदेरलगाय।।बाततेरीमेरेंखटक

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कविता

7 अक्टूबर 2016
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बिनअसवारी,करितैयारीसकलसंभार्यौसाज।कहाँकोचाल्यौतूअलवेलेआज। गलमुण्डमाल,विषधरविशाल,नाशोभातेरीजातकही।हैतिलकभाल,करमेंकपाल,कहूँउपमाकीऔकातनहीं।।रहतानिशंक,अरधंगसंग,कैलासीवासीतातमही।लैसंगभूत,मलिकेंबभूत,शुभगंगाशीशसुहातरही।।डमरूबजैडमाडमतेरौ,चन

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कविता

8 अक्टूबर 2016
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तरनीवैतरनी,जयगइयादुखहरनी।जयगइयाजयजयघरभरनी,जयशुभमंगलकरनी।। तेरीमायाहैअपार,वेदपामेंनहींपार,रहीजगशीशधार,गुणतेरेहैंअनन्त। अनन्ततेजबारी,सेबाकरिकेंमुरारी,कियेकामसुखकारी,भयेआपभगवन्त।। भगवन्तसंगसुर,असुर,नाग,नरउद

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कविता

13 अक्टूबर 2016
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कारणजगमेंबरबादीकौफूटदेखिबतलाई।दीनौहैसबकौफूटनेंचैनभगाई।।फूटकाहीकारणसमझो,लंकाजोबरबादहुई।फूटहीथीमुख्यजोचित्तौङनाआजादहुई।।पुरुकीभीहारभइयाफूटकाअन्जामथी।फूटसेतजबीजपृथ्वीराजकीनाकामथी।।फूटदेखिदिल्लीकीगद्दीबाबरनेंकबजाई--1फूटसेमुगलोंनेयहाँअपनीनींमजमाईथी।मरबायेआपसमेंहिन्दूदौलतखूबकमाईथी।फूटडालशासनकरनेकीअँग्रेजो

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कविता

13 अक्टूबर 2016
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रामसुमिरिसतकरमराहचलिसहजबनेंसबकाम। बन्धनसेछूटौबिनसुमिरेनाराम।। चलिपापगैल,करिबुरेफैलधनपाइअमितमनहरषाऔ। ममताखोह,लखिफंसौमोह,जातेनफाकछूनातुमपाऔ।। जबचढैकाल,औरखिचैखाल,करिहायहायतुमरहजाऔ। बिनहरीनाम,नहींचलैकाम,तुमहाथमलौऔरपछि

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कविता(सतसुधार)

28 अक्टूबर 2016
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प्रेमजगतमेंसारसमझिछोङौभइयाआपापूती।। आपापूतीनाशकरावै,भइयनकेयहमनफटबावै; भाँतिभाँतिकेदुःखदिखावै। आपापूतीनेंदयौ,सबकौनाशकराइ। पढिदेखौइतिहासतुम,येहीरह्यौबताइ।। फारिदेमनसबकेमिलिकेंदूती---------------1 मनजातेसबकेफटिजामें,घरकेफूटिअलगहैजामें; अबगुनसारेयामेंपामें। फूटदेखित

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कविता

28 अक्टूबर 2016
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हरेकृष्णहरेकृष्णकृष्णकृष्णहरेहरे।हरेरामहरेरामरामरामहरेहरे।। मोरध्वजमीरारहीमनेमनइसमेंरमायाथा। होकरमगनअपनेबेटासेनाहरकोजिमायाथा।। मगनहोकेमीरानेजहरगटगटचढायाथा। नसेमेंझूमतेगातेयहीकीर्तनसुनायाथा--------------1 इन्द्रकीपूजाछुङामोहनगोबर्धनपूजाकराईथी। मनौतीमानबहनभाईनेजुमनाएकसंगनहाईथी।।

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कविता(भक्तिमार्गी)

29 अक्टूबर 2016
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कृष्णभजि,कृष्णरचि,कृष्णजपिप्यारे। कृष्णनामनावजानेंसंतदुष्टतारे।।------(स्थाई) परमब्रह्मनामकृष्ण,कृष्णजगदीसजान। निरंकार,रूपवान,अगम,गम्यपहिचान।। आत्माकोखींचेऐसौपरमशक्तितत्वमान। नेतिनेतिवेदकहें,ग्यानीधरिपामेंध्यान।। जपिजपिनामजाकौसंतमुनिहारे---------1 सृष्टिरचैब्रह्माश्रीकृष्णकौइसारौपाय। कृष्णनिजमायादें

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कविता(सूर्यवंश-परिचय)

14 नवम्बर 2016
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पूर्वजपूज्यभयेधरतीपरश्रीबैरूबाबातपधारी। सूर्यवंशमेंपैदाहोगयेईशअंशकेअवतारी।। माँटगाँवप्रियधामजानिमनतीर्थअनूठौब्रजवनकौ। सूरजमलघरजन्मलियौजिनफलभोगननिजकरमनकौ।। खुसीभयेसबनगरनिबासीभवनभरैसुतकिलकारी-----------1। विद्यापढिकेगुरुआश्रमसेगृहस्थाश्रममेंहैंआये। धामराधिकावरसानेसेसूरजकौरिव्याहिलाये।। पैदाभय

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कविता(बन्दना)

14 नवम्बर 2016
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आदिशक्तितूपरमब्रह्मकीभक्तनगिराउचारी। तेरीसिंहसबारी,करयोकृपामहतारी।। गामेंनेतिनेतिवेद,पामेंदेवनहींभेद,जामेंहारिकरेंखेद,तेरौपायौनहींअन्त अन्तपामेंनहींसंत,संतबिनभगवन्तवन्तमहिमाअनन्तबन्परमब्रह्मकन्त कन्तपाइअखिलेश्वरस्वामीरचनाकरीसंभारी--------1 भारीअनुपमरूप,रूपपूजेंआइभूप,भूपजगकेअनूप,एकएक

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