shabd-logo

।।संख्या वाचक आध्यात्मिक विवरण।।

8 सितम्बर 2016

578 बार देखा गया 578
(1)=ज्योति=ब्रह्म=शब्द=शिव=परमपुरुष=ईश्वर।। (2)=पुरुष-प्रकृति।,कृष्णपक्ष-शुक्लपक्ष।,अश्वनीकुमार।। (3)=गुण=सत्-रज्-तम्।,विष्णु-ब्रह्म-रुद्र(महेश,शंकर)।,ताप=दैहिक-दैविक-भौतिक।,दोष=वात्-पित्त-कफ।,लोक=भू:-स्व-पाताल।,ऋण=देव-ऋषि-पित्र।। (4)=युग=सत्-त्रेता-द्वापर-कलि।,पुरुषार्थ=धर्म-अर्थ-काम-मोक्ष।,नीति=साम-दाम-दण्ड-भेद।,वेद=ऋक्-यजु-साम-अथर्व।,आश्रम=ब्रह्मचर्य-गारहस्थ-वानप्रस्थ-संन्यास।,वंश=सूर्य-चन्द्र-ऋषि-अग्नि।। (5)=अमृत=गायका,दूध-दधि-घी-शहद-शर्करा।,यग्य=देव-पित्र-ऋषि-भूत-अतिथि।,सरोवर=विन्द-पम्पा-मान-पुष्कर-नारायण।,कर्मेन्द्रिषयाँ=हाथ-मुँह-पैर-गुदा-उपस्थ।,ग्यानेन्द्रियाँ=आँख-कान-नाक-जिव्हा-त्वचा।,कोश=अन्नमय-प्राणमय-मनोमय-विग्यानमय-आनन्दमय।,भूत=पृथ्वी-जल-वायु-अग्नि-आकाश।। (6)=ऋतु=बसंत-ग्रीष्म-वर्षा-शरद-हेमन्त-शिशिर।,वेदांग=शिक्षा-कल्प-व्याकरण-छन्द-निरुक्त-ज्योतिस।,शास्त्र=वैशेषिक-वेदान्त-योग-तर्क-सांख्य-पूर्वमीमांसा।,शत्रु=काम-क्रोध-लोभ-मोह-मद-मत्सर।। (7)=लोक=भू:-भुव:-स्व:-मह:-जन:-तप:-सत्य।,पाताल=नितल-अतल-वितल-तलातल-सुतल-पाताल-महातल।,स्वर=षडज्-ऋषभ-गांधार-मध्यम-पंचम-धैबत-निषाद।,ऋषितारामण्डल=मरीचि-अत्रि-अंगिरस-पुलिस्त्य-पुलह-कृतु-बसिष्ठ।,सप्तऋषि=कश्यप-अत्रि-भरद्वाज-विश्वामित्र-गौतम-जमदग्नि-बसिष्ठ।,वन=दण्डक-खण्डक-चम्पक-नैमिष-धर्म-अभय-वेद।,पुरी=माया-अयोध्या-अवन्तिका-द्वारावती-कान्चीपुरी-काशी-मधुपुरी(मथुरा)।,आशय=रुधिराशय-श्लेष्माशय-आमाशय-पित्ताशय-पक्वाशय-वाताशय-मूत्राशय(स्त्रीमें-गर्भाशय)।।धातु=सोना-चाँदी-तावाँ-रांगा-जस्ता-शीशा-लोहा-पारद्।,सिद्धि=अणिमा-महिमा-लघिमा-गरिमा-प्रापति-प्राकाम्य-ईशित्व-शिवत्व।,दिशा=पूर्व-आग्नेय-दक्षिण-नैऋत्य-पश्चिम-वायव्य-उत्तर-ईशान ।,वर्ण=श्वेत-सारंग-पिंगल-कृष्ण-नील-लोहित-गौर-हरित।,वसु=आप-घ्रुव-सोम-धर्म-अनिल-अनल-प्रत्यूष-प्रभास।,दिग्पाल=ऐरावत-पुण्डरीक-वामन-मुकुन्द-पराजित्व-यम-सारभकुन्त-हेमदन्त।। (9)=रत्न=हीरा-माणिक्य-पन्ना-मोती-गोमेद-मूँगा-पुखराज-नीलम-लहसुनियाँ ।,गृह=सूर्य-चन्द्र-मंगल-बुध-गुरु-शुक्र-शनि-राहू-केतु ।,रिद्धि=पद्म-महापद्म-कच्छप-मकर-मुकुन्द-शंख-नील-जुकुन्द-वशीत्व।। (10)=अवतार=मत्स-कच्छप-वाराह-नृसिंह-वामन-परषुराम-श्रीराम-कृष्ण-बुद्ध-कल्कि।,नाङी=इङा-पिंगला-सुष्मना-गान्धारी-हस्तजिव्ह-पूषा-यशश्विनी-अलम्वुषा-कुहू-शंकिनी।,छिद्र=आँख(2)-कान(2)-नाक(2)-मुँह-गुदा-उपस्थ-ब्रह्मरंध्र।। (11)=उपनिषद=ईशावास्य-छान्दाग्य-कठो-प्रश्न-मुण्डक-माण्डूक-तैतरेय-ऐतरेय-वृहदारण्यक-केन-श्वेताश्वेत।,रुद्र=अजयकपात-अहिर्बुघ्न-कपाली-हर-बहुरूप-त्र्यम्बक-अपराजित-वृषाकपि-शम्भु-कार्दी-रैवत।। (12)=सूर्य=भग-अंशु-अर्यमा-मित्र-वरुण-सविता-धाता-विवश्वान-त्वष्टा-पूषा-इन्द्र-विष्णु।,राशि=मेष-वृष-मिथुन-कर्क-सिंह-तुला-वृश्चिक-धनु-मकर-कुम्भ-मीन।,मास=चैत्र-बैसाख-ज्येष्ठ-आषाढ-श्रावण-भाद्रपद-आश्विन-कार्तिक-मार्गशीर्ष-पौष-माघ-फाल्गुन।। (14)=सामुद्रिकरत्न=श्री-रम्भा-विष-वारुणी-अमीय-तोय-गजराज-,धनु-धन्वनतरि-कल्पतरु-शंख-चक्र-मणि-वाज।,विद्या=आन्विक्षिकी(3)-त्रयी(3)-वार्ता(3)-दण्डनीति-भरतनाट्यम्,-युद्धविद्या-गुह्यविद्या-ध्यूतविद्याशाश्वतम्।,भुवन=भू:-भुव:-स्व:-मह:-जन:-तप:-सत्य-नितल-अतल-वितल-तलातल-सुतल-पाताल-महातल।,मन्वन्तर=स्वायम्भुव-स्वारोचिष-उत्तममनु-तामस-रैवत-चाक्षुष-विवश्वान-सावर्णि-दक्षसावर्णि-ब्रह्मसावर्णि-धर्मसावर्णि-रुद्रसावर्णि-रौच्यसंग्यक-भौत्यसंग्यक।। (16)=संस्कार=गर्भाधान-पुंसवन-सीमंतोन्नयन-जातकर्म-नामकर्ण-डनिष्क्रमण-अन्नप्राशन-मुण्डन-कर्णवेध-उपनयन-वेदारम्भ-समावर्तन-विवाह-वानप्रस्थ-संन्यास-अंत्येष्टि।,कला=अमृत-गानदा-पूषा-तुष्टि-पुष्टि-रति-शशिनी-चन्द्रिका-धृति-कांति-ज्योत्सना-श्री-प्रीति-अंगदा-पूर्णा-पूर्णामृता।। (18)=पुराण=ब्रह्म-पद्म-विष्णु-नारद-मारकण्डेय-अग्नि-भविष्य-ब्रह्मवैवर्त-लिंग-वाराह-वामन-स्कन्ध-कूर्म-मत्स्य-गरुण-शिव(वायु)-ब्रह्माण्ड-भागवत।।

गिरिराजसिंहराघव की अन्य किताबें

1

प्रार्थना

6 सितम्बर 2016
0
1
0

करकमलेवीणाधारिणीम्,हंसारूढालंकृताम्।प्रफुल्लबदनेमातासरस्वती,प्रणमामिताम् पादार्विंदम्।। धबलवसनेविभूषिता,कम्बुग्रीवास्निग्धशरीर:।स्नेहवतीसरसीरुहनयनचारुपद्मा,प्रददातियासर्वदानम् ।। पालयन्ती,सर्वदात्री,सर्वग्य,सर्वकर्त्रीसदा।अग्यानं,निर्बलं,निर्धनंचबन्देत्वाम्राजी

2

।।संख्या वाचक आध्यात्मिक विवरण।।

8 सितम्बर 2016
0
0
0

(1)=ज्योति=ब्रह्म=शब्द=शिव=परमपुरुष=ईश्वर।। (2)=पुरुष-प्रकृति।,कृष्णपक्ष-शुक्लपक्ष।,अश्वनीकुमार।। (3)=गुण=सत्-रज्-तम्।,विष्णु-ब्रह्म-रुद्र(महेश,शंकर)।,ताप=दैहिक-दैविक-भौतिक।,दोष=वात्-पित्त-कफ।,लोक=भू:-स्व-पाताल।,ऋण=देव-ऋषि-पित्र।। (4)=युग=

3

।।संख्या वाचक आध्यात्मिक विवरण।।

8 सितम्बर 2016
0
0
0

(1)=ज्योति=ब्रह्म=शब्द=शिव=परमपुरुष=ईश्वर।। (2)=पुरुष-प्रकृति।,कृष्णपक्ष-शुक्लपक्ष।,अश्वनीकुमार।। (3)=गुण=सत्-रज्-तम्।,विष्णु-ब्रह्म-रुद्र(महेश,शंकर)।,ताप=दैहिक-दैविक-भौतिक।,दोष=वात्-पित्त-कफ।,लोक=भू:-स्व-पाताल।,ऋण=देव-ऋषि-पित्र।। (4)=युग=

4

।।सरस्वती बन्दना।।

9 सितम्बर 2016
0
0
0

बीणासोहेकरकमल,हंसबिराजौमाय।द्यानज्योतिहृदयभरौ,शारदहोइसहाय।।शारदहोइसहाय,मातभूलूँतोगायानबताना।हूँअजानअग्यानमातकर,पकङमुझेअपनाना।।व्नयकरूँकरजोरि,ध्यानमेरीविनतीपरलाना।क्षमाकरौअपराधमातमेरे,बिगङेकामबनाना।।सदागुणतेरेगाऊँ,मातबलितेरीजाऊँ।कृपाकरितोइमनाऊँ।।मैंगिरिराजअजानतेरेचरननमेंशीशझुकाऊँ।।

5

पद

11 सितम्बर 2016
0
0
0

छोङौदम्भकपटसबप्रानी। दम्भकपटमगहैंअधरमकेममतामायाजानी।। लोभमोहभवकेबन्धनहैंमतिबनिजीवगुमानी।। छलसेवैरवैरसेगुस्सासेअपराधकहानी।। अपराधोंसेबुराहोइन

6

पद

11 सितम्बर 2016
0
0
0

आऔदीननकेभगवान।मायामेंफंसकरअपनेकोभूलाहरइंशान।। नैतिकपतनहुआजनजनकाहिन्दु,इसाई,खान।।मूढमनुजमोहेममतामेंसिरपरमोहमहान।।धरमकरमकीबातजगतमेंकरैनकोईकान।।सबलभ्रातनिर्बलकोमारैंरहानहींईमान।।बुरेकरमसेसबजगउजङासाधुभयेहैरान।।विनतीसुन"गिरिराज"अधमकीप्रभूबचाऔजान।।

7

यथार्तता

11 सितम्बर 2016
0
0
0

श्रीरामऔरकृष्णकोबखानतहीआयेसब,कहौकौनइनसमआजबनिपायौहै।क्षत्रीकहाइसबबनेहैंलवारदेखौ,क्षत्रिनधर्मकर्मअपनौगमायौहै।। गाइगाइगीतकोबन्यौहैधीरवीरयोद्धा,कहौकौनमनकेलड्डूखाइकेंअघायौहै।।कैसेबनेराम,कृष्ण,अर्जुन,प्रताप,शिवा,पाठयहहमेंनहींकाऊनेंबतायौहै।।शिक्षाहेतुसबरहेगुरुकुलमेंगुरुपासब्रह्मचर्यव्रतदृढतासेअपनायौहैमिलेज

8

पद

12 सितम्बर 2016
0
0
0

मेरीसुधिलीजैगिरधारी।अधमउधारकआपकहायेदीननकेहितकारी।। तारेअधमअनेकआपनेदानवविकटसुरारी।।धर्मीपरमकुकर्मीकामीसबभवसेदयेतारी।।तुमकारणउत्पत्तिपालनकेतुमहीबनेसंहारी।।आजदयाकरिचितवौस्वामीमैंपापीबङभारी।।सोयेकहाँनीदलैसुखकीमेरीसुरतिविसारी।।कबैगिरिराजआइप्रभुदेखौबिगरैलाजतुम्हारी।।

9

पद

12 सितम्बर 2016
0
0
0

रामममनैननवासकरौ।सांवरिसूरतिमोहकजनमनगोरसमुखलिसरौ।। धनुषवानराजतप्रभुकरमेंमस्तकखौरखरौ।।तुमपालकदीननकेस्वामीमतिनिजटेकटरौ। निजमुखनिरखिमणिमुक्तनमेंकिलकतअजिरचरौ।।यहीविनयबसिवेंममनैननऐसौहीरूपधरौ।।कागभुषुण्डिशिवमनमानसकौतूराजहंसअगरौ।।सुनिगिरिराजअधमकीविनतीमममदमोहहरौ।।

10

पद

12 सितम्बर 2016
0
0
0

मायाहैसबतेबङठगिनी।।चरऔरअचरनचाबनहारीयमराजाकीभगिनी।।ईश्वरकीभगतीमेंबाधकमनअधरमरंगरंगनी।।करनीधरमपुण्यकौभक्षणग्यानज्योतिकणचुगनी।।तीनलोकमेंफिरतीजैसेखगराजाकीखगिनी।।अनुपमछवित्रैलोकसुन्दरीश्रीविष्णुकीसंगिनी।।मोहमढेमूरखनहींसमझेंकरनचहैंकरकंगिनी।।मतिगिरिराजसंगप्रभुकरयोंयामायाकीमंगनी।।

11

पद

12 सितम्बर 2016
0
0
0

मोकूँक्योंविसरायौस्वामी।।तारेसदाअधमबङपापीबङेकुमारगगामी।।मदमांतेतुमनेखलतारेदेव,दनुज,नरकामी।।निर्बलकेबलआपकहायेभरतसकलजगहामी।।दीननकेतुमबन्धुकहायेऔरहितकारीनामी।भगतनकीपतवारनावकीअपनेकरमेंथामी।।अहंकार,मद,मारसेमोहितमैंहूँनिपटहरामी।।विनयसुनौगिरिराजअधमकीतुमहौअन्तर्यामी।।

12

पद

14 सितम्बर 2016
0
0
0

नरकरितूअपनाउद्धार। काम,क्रोघ,पाखण्ड,द्रोहतजिसत्यहृदयमेंधार।। कलियुगकेदलकलिषुकपटमगबैठेसैनसम्भार।। मनकोलैंइलुभाइअनौखीमदनमोहनीडार।। साबधा

13

पद

14 सितम्बर 2016
0
0
0

जगमेंफैलाकपटव्यवहार।।सत्यन्यायकीदेतदुहाईपापहृदयमेंधार।। बगुलाभगतमलिनमनमलसेबनेंसंतसंसार।। ठाटबाटऔररहनसहनमेंमानैसुरपतिहार।। बोलैंझूँठचौबीसौंघण्टा करेंझूँठाकारोबार।। पल-पलवचनबदलतेरहतेन

14

पद

15 सितम्बर 2016
0
0
0

गोपालमेरीअँखियनबासकरौ।।लैलकुटीमुरलीकामरियाडेराआपधरौ।।इनआँखिनमेंकामबसतहैतासोंनतनिकडरौ।। दूरिकरौआँखिनसेममतामदऔरद्रोहहरौ।। राजहंसबनिममअघ,पापनस्वामीआपचरौ।। साँवरिसूरतनिरखिहोइममद्रोहदूरिसबरौ।।

15

कवित्त

17 सितम्बर 2016
0
0
0

श्रीरामऔरकृष्णकोगावतहैसाराजगआजगीतगाइवेकीलगीहोङभारीहै।आजबनेठेकेदाररामऔरकृष्णकेजोढोंगभरेंढोंगीमानौसच्चेअनुचारीहै।।रामकृष्णवंशधरकोईनहींइनमेंसेसत्तापाइवेकीमहजकोरीहोश्यारीहै।झूँठे,चोर,धोकेबाजइकट्ठेभयेबेईमानउल्लूहोइसीधौमनसबनेविचारीहै। सत्तापाइकाँग्रेसनेमातृभूमिबाँटिदईराखेमुसलमानजिनतेइनकीव्यौहारीहै

16

मुक्तक(कवित्त)

19 सितम्बर 2016
0
0
0

मधुकरकीबातसबमधुकरकीभाँतिजानौ,मधुकरकीबातहेलीकैसेंपतिआऔगी।पहलेंपतिआईंसोपाइरहींदुखआज,आजपतिआइजानअपनीगमौगी।।छोङिकेंसदेहश्यामगोरखेंजगाऔजाइ,ब्रह्मनहींपाबैफेरिमनपछिताऔगी।कहैंगिरिराजबनीएककीरहौरीबहन्,लाखकीकहाइकूआकौनसेमेंजाऔगी।। शुभदिनआजदरशपायौ

17

मुक्तक(कवित्त)

19 सितम्बर 2016
0
0
0

श्यामपतिआयौबानेंहमसंगछलकियौ,तजिदियौब्रजजाइमथुराकौबासलियौ।परसोंकीकहिकेंगयौआजतकआयौनाइ,हाइऐसेछलियाकौहमबिसवासकियौ।।श्यामनेंजताइप्रेमहमभरमाइलईं,तजिदियेआजकरिसाँवरेकीआसजियौ।कहेंगिरिराजमतिब्रह्ममेंरमाऔमन,यादिकरिसांवरेकीसुधारंगरासपियौ।।

18

मुक्तक(कवित्त)

19 सितम्बर 2016
0
0
0

श्यामपतिआयौबानेंहमसंगछलकियौ,तजिदियौब्रजजाइमथुराकौबासलियौ।परसोंकीकहिकेंगयौआजतकआयौनाइ,हाइऐसेछलियाकौहमबिसवासकियौ।।श्यामनेंजताइप्रेमहमभरमाइलईं,तजिदियेआजकरिसाँवरेकीआसजियौ।कहेंगिरिराजमतिब्रह्ममेंरमाऔमन,यादिकरिसांवरेकीसुधारंगरासपियौ।।

19

मुक्तक(सवैया)

20 सितम्बर 2016
0
0
0

(1)=श्रीश्सामकीसूरतमनमेंबसीफिरिकैसेंकहौमनब्रह्मसमावै। कोब्रह्मकोभूषण,बस्त्रतजें,आसनकोश्यमशानजमावै।। कहौसाँचीसखाश्रीश्यामकेऊधौनिर्गुणमेंमनकौनरमावै। गिरिराजकहेंतनश्यामबसैकहौब्रह्मबसाइकोधर्मनसावै।। (2)=निर्गुण,निराधार,नि

20

मुक्तक(सवैया)

20 सितम्बर 2016
0
0
0

(3)=ऊधौबाततुम्हारीनमनमेंबसीराहसूधीहमेंअबआपबतामें। यहाँश्यामबसेंजङचेतनमेंफिरिब्रह्मकोकैसेंकहाँपैबसामें।। तुमग्यानसंदेशौसुनायौयहाँकैसेश्यामरहेंनहींआपबतामें। गिरिराजकहौहमपूछिरहींअबकैसेकहाँहमश्यामकोपामें।। (4)=श्रीश्यामबिनाराधेआधीभईत

21

सरस्वती-बन्दना

21 सितम्बर 2016
0
0
0

करकमलेवीणाधारिणीम् हंसारूढालंकृताम्। प्रफुल्लबदनेमातासरस्वतीप्रणमामिताम् पादार्विन्दम्।। धवलबसनेविभूषिताकम्बुग्रीवास्निग्धशरीर:। स्नेहवतीसरसीरुहनयनचारुपद्माप्रददातियासर्वदानम्।। पालय

22

चौबोला(कविता)

21 सितम्बर 2016
0
0
0

(1)=गुरूचरनकीधूरिबिन,मिटैनहींअग्यान। विनयकरूँकरदोकृपा,मुझकोजानअजान।। मुझकोजानअजान,ग्यानकीज्योतिजलाओमनमें। मात पिता प्रभुआपकरौतुमबासआइममतनमें।। तुच्छबुद्धिसेचहूँघूमनाराघवविकटविपिनमें।

23

कविता(चौवोला)

21 सितम्बर 2016
0
0
0

(2)=वीणासोहैकरकमल,हंसबिराजौमाय। ग्यानज्योतिहृदयभरौशारदहोइसहाय।। शारदहोइसहाय,मातभूलूंतोग्यानबताना। हूँअजान,अग्यानमातकरपकङमुझेअपनाना।। विनयकरूँकरजोरिध्यानमेरीविनतीपरलाना। क्षमाकरौअपराधमातमेरेविगङेकामबनाना।। सदागुणतेरेगाऊँ,मातबलितेरीजाऊँ; कृपाकरितोइमनाऊँ। मैंगिरिराजअज

24

चौवोला (कविता)

21 सितम्बर 2016
0
0
0

(3)=जय जय जयबागीश्वरी,जयजयशारदमात। रखौलाजगिरिराजकीग्यानज्योतिभरगात।। ग्यानज्योतिभरगात,मातलैआऔहंससबारी। मोसेदीनअनाथकीखुदकरौआइरखबारी।। मायादेउभगाइहृदयसेदेउगुमाननिकारी। दूरकरौदुख,दम्भमातमेंकरताविनयतुम्हारी।। विनयसुनिजल्दीआऔ,दासकोधीरबधाऔ; ग्यानहृदयमेंभरदो। नावफंसीमजधारकृपाकरिपारभगवतीक

25

चौवोला (कविता)

21 सितम्बर 2016
0
0
0

(4)=कृष्णजन्मकीखबरिसुन,हृदयबढ्यौउल्लास। भोलादरशनकरको,तजनचह्यौकैलास।। तजनचह्यौकैलास,नन्दीनिजतुरतबुलायौ। कहीकथासमझाइजन्मलैईश्वरब्रजमेंआयौ।। जाँतलखनब्रजनिरखिमगनमननन्दीबचनसुनायौ। संगलैचलौमोइनाथमनमेरोअतिहुलसायौ।। राहमेंकंटकभारी,करौमोपैअसबारी; कटैमगसहजसुखारौ। कहैगिरिराजआजब्रजआयौशम्भु

26

कविता

24 सितम्बर 2016
0
0
0

सजायौनन्दीभोलानैजापैकूदिभयौअसबार। हाथमेंडमरूऔरकपाल,गलेमेंनरमुण्डनकीमाल; कमरिमेंकसीसिंहकीखाल। भस्मरमीहैअंगमेंतिलकलग्यौहैभाल। अंगअंगसोहैंबङेबिसधरसर्पबिसाल।। अनुपमशीशजटनसेनिकसी,श्रीगंगाकीधार---------------भोलामनमेंरह्यौसिहाय,नादियाआगेंदियौबढाय; कू

27

कविता

24 सितम्बर 2016
0
0
0

दरशनकीभोलाकही,अपनाआँखिनिकारि। धीरजधरिकनेलगीसुघङसलौनीनारि।। दरशनझगङौकरिनापाबैगौ,तूसोचिसमझिलैभोला।। भस्मअंगतेरेलगी,कसीबाघकीखाल। करैसबारीबृषभकी,करमेंलग्यौकपाल।। दोसफिरिहमकूँबहुतलगाबैगौ------------------------------1 बिकटभेषतेर

28

कविता

25 सितम्बर 2016
0
0
0

बातेंसुनिकेंनारिकी,भोलाकियौविचार। प्रेमजताकहनेलगेऐसेंवचनउचार।। तूआजमोइमतिहटकै,मैंतोइकहूँसमझाय। वृथाक्योंहमतेअटकै,रह्यौदरशनकूँमैंजाय।। मैंबहुतदूरितेआयौ,गईयहाँमुसीबतआय। मोइप्रेमखेंचिकेंलायौ,दीनीहैदेरलगाय।।बाततेरीमेरेंखटक

29

कविता

7 अक्टूबर 2016
0
0
0

बिनअसवारी,करितैयारीसकलसंभार्यौसाज।कहाँकोचाल्यौतूअलवेलेआज। गलमुण्डमाल,विषधरविशाल,नाशोभातेरीजातकही।हैतिलकभाल,करमेंकपाल,कहूँउपमाकीऔकातनहीं।।रहतानिशंक,अरधंगसंग,कैलासीवासीतातमही।लैसंगभूत,मलिकेंबभूत,शुभगंगाशीशसुहातरही।।डमरूबजैडमाडमतेरौ,चन

30

कविता

8 अक्टूबर 2016
0
0
0

तरनीवैतरनी,जयगइयादुखहरनी।जयगइयाजयजयघरभरनी,जयशुभमंगलकरनी।। तेरीमायाहैअपार,वेदपामेंनहींपार,रहीजगशीशधार,गुणतेरेहैंअनन्त। अनन्ततेजबारी,सेबाकरिकेंमुरारी,कियेकामसुखकारी,भयेआपभगवन्त।। भगवन्तसंगसुर,असुर,नाग,नरउद

31

कविता

13 अक्टूबर 2016
0
0
0

कारणजगमेंबरबादीकौफूटदेखिबतलाई।दीनौहैसबकौफूटनेंचैनभगाई।।फूटकाहीकारणसमझो,लंकाजोबरबादहुई।फूटहीथीमुख्यजोचित्तौङनाआजादहुई।।पुरुकीभीहारभइयाफूटकाअन्जामथी।फूटसेतजबीजपृथ्वीराजकीनाकामथी।।फूटदेखिदिल्लीकीगद्दीबाबरनेंकबजाई--1फूटसेमुगलोंनेयहाँअपनीनींमजमाईथी।मरबायेआपसमेंहिन्दूदौलतखूबकमाईथी।फूटडालशासनकरनेकीअँग्रेजो

32

कविता

13 अक्टूबर 2016
0
0
0

रामसुमिरिसतकरमराहचलिसहजबनेंसबकाम। बन्धनसेछूटौबिनसुमिरेनाराम।। चलिपापगैल,करिबुरेफैलधनपाइअमितमनहरषाऔ। ममताखोह,लखिफंसौमोह,जातेनफाकछूनातुमपाऔ।। जबचढैकाल,औरखिचैखाल,करिहायहायतुमरहजाऔ। बिनहरीनाम,नहींचलैकाम,तुमहाथमलौऔरपछि

33

कविता(सतसुधार)

28 अक्टूबर 2016
0
0
0

प्रेमजगतमेंसारसमझिछोङौभइयाआपापूती।। आपापूतीनाशकरावै,भइयनकेयहमनफटबावै; भाँतिभाँतिकेदुःखदिखावै। आपापूतीनेंदयौ,सबकौनाशकराइ। पढिदेखौइतिहासतुम,येहीरह्यौबताइ।। फारिदेमनसबकेमिलिकेंदूती---------------1 मनजातेसबकेफटिजामें,घरकेफूटिअलगहैजामें; अबगुनसारेयामेंपामें। फूटदेखित

34

कविता

28 अक्टूबर 2016
0
0
0

हरेकृष्णहरेकृष्णकृष्णकृष्णहरेहरे।हरेरामहरेरामरामरामहरेहरे।। मोरध्वजमीरारहीमनेमनइसमेंरमायाथा। होकरमगनअपनेबेटासेनाहरकोजिमायाथा।। मगनहोकेमीरानेजहरगटगटचढायाथा। नसेमेंझूमतेगातेयहीकीर्तनसुनायाथा--------------1 इन्द्रकीपूजाछुङामोहनगोबर्धनपूजाकराईथी। मनौतीमानबहनभाईनेजुमनाएकसंगनहाईथी।।

35

कविता(भक्तिमार्गी)

29 अक्टूबर 2016
0
1
0

कृष्णभजि,कृष्णरचि,कृष्णजपिप्यारे। कृष्णनामनावजानेंसंतदुष्टतारे।।------(स्थाई) परमब्रह्मनामकृष्ण,कृष्णजगदीसजान। निरंकार,रूपवान,अगम,गम्यपहिचान।। आत्माकोखींचेऐसौपरमशक्तितत्वमान। नेतिनेतिवेदकहें,ग्यानीधरिपामेंध्यान।। जपिजपिनामजाकौसंतमुनिहारे---------1 सृष्टिरचैब्रह्माश्रीकृष्णकौइसारौपाय। कृष्णनिजमायादें

36

कविता(सूर्यवंश-परिचय)

14 नवम्बर 2016
0
0
0

पूर्वजपूज्यभयेधरतीपरश्रीबैरूबाबातपधारी। सूर्यवंशमेंपैदाहोगयेईशअंशकेअवतारी।। माँटगाँवप्रियधामजानिमनतीर्थअनूठौब्रजवनकौ। सूरजमलघरजन्मलियौजिनफलभोगननिजकरमनकौ।। खुसीभयेसबनगरनिबासीभवनभरैसुतकिलकारी-----------1। विद्यापढिकेगुरुआश्रमसेगृहस्थाश्रममेंहैंआये। धामराधिकावरसानेसेसूरजकौरिव्याहिलाये।। पैदाभय

37

कविता(बन्दना)

14 नवम्बर 2016
0
0
0

आदिशक्तितूपरमब्रह्मकीभक्तनगिराउचारी। तेरीसिंहसबारी,करयोकृपामहतारी।। गामेंनेतिनेतिवेद,पामेंदेवनहींभेद,जामेंहारिकरेंखेद,तेरौपायौनहींअन्त अन्तपामेंनहींसंत,संतबिनभगवन्तवन्तमहिमाअनन्तबन्परमब्रह्मकन्त कन्तपाइअखिलेश्वरस्वामीरचनाकरीसंभारी--------1 भारीअनुपमरूप,रूपपूजेंआइभूप,भूपजगकेअनूप,एकएक

---

किताब पढ़िए

लेख पढ़िए