आसमां ने पूछां...
कैसी है धरती।
उडाने भरते पंछी नित नभ में, करने गुफ्तगू आसमां से। आसमां ने पूछां, कैसी है धरती, पंछी ने कहां, मिलके रोज तुमसे, हैं वो झूमती। पा कर बादलों से, संदेसा तुम्हारा, हरियाली वो हो जाती। छन कर किरणें तुमसे, जब भी उससे टकराती, इक - इक डाली, फूलों से वो सजाती। आसमां ने पूछां, कैसी है धरती, पंछी ने कहां,मुझको