होली के पावन पर्व पर कुछ पंक्तिया शीर्षक है "कि आ सखी होली खेले"1.कि आ सखी होली खेले, कुछ रंग प्यार के, कुछ रंग दुलार के ,कुछ रंग एक दूसरे के साथ के एक दूसरे पे उड़ेले कि आ सखी होली खेले।2.नफरतो के रंग को, दुनिया के प्रपंचो को , अपने अंदर की बुराइयों को चल यही छोड़ चले , की आ सखी होली खेले..........