कैसे- कैसे भ्रम पाल रखे हैं. .... सोते से जाग उठी ख्याली पुलाव पकाती उलझनों में घिरी मृतप्राय जिन्दगी में दुख का कुहासा छटेगा जीने की राह मिलेगी बोझ की गठरी हल्की होगी जीवन का अल्पविराम मिटेगा हस्तरेखा की दरारें भरेगी विधि का विधान बदलेगा उम्मीद के सहारे नैय्या पार लग जायेगी बचनों मे विवशता का पुल
आज के समय में ‘ओशो’ द्वारा धर्म के सम्बंध में काही गई बातें कितनी सटीक और विचारणीय है, एक बार गौर से पढिए... ...धर्मों के कारण ही,धर्मों का विवाद इतना है, धर्मों की एक दूसरे के साथ इतनी छीना-झपटीहै । धर्मों का एक दूसरे के प्रति विद