इश्क़ ऐसा हुआ कि मैं खो गया लोगों ने ढूँढा पर मिला नहीं इश्क़ की चाशनी को तेरे लबों से उठाया मिठास ऐसी की अब तक घुला नहीं तूने नाक पर नथुनी को सजा ऐसे दिया चाँद को खुले आसमान में जैसे देखा नहीं ये जो आँखों के तले जो काजल तूने लगाया अँधेरे में ऐसा डूबा की उठा नहीं तेरी चूड़िय
दिल की आवाज़ निगाहों के इशारों मन की बात कब समझोगी तुम इन जज़्बातों कोइस बेक़रारी को इन उमंगो को कब समझोगी तुम इस रिश्ते कोइन उम्मीदों को इस प्यार कोकब समझोगी तुम १३ मई २०१७फ़्रैंकफ़र्ट