shabd-logo

आरक्षण कविता

hindi articles, stories and books related to Aarakshan kavita


featured image

अगर दोबारा कहीं मिले चौराहे परमुबारक मुँह मत मोड़ना, आरक्षण से है, रहेगे, आगे भी बढ़ेगे, हमें मिटाने से हम नहीं मिटेगेजहाँ भी दफ़न होगे, आपके रास्ते पे वटवृक्ष बन ऊग आयेगे ....-हरेश परमार

संबंधित टैग्स

किताब पढ़िए

लेख पढ़िए