अच्छे कवि की काव्य-कला एक सुखद सृष्टि होती है;सुखद तभी हो सकती जब शुभ कथा-वस्तु होती है,
वर्तमान यदि शुभ होगा, इतिहास अशुभ कैसे होगा; काटेंगे वही फसल हम सब,जैसा हमने बोया होगा
दर्पण है साहित्य हमारे जीवन की गतिविधि का; नहीं पढ़ा साहित्य पुराना क्या होगा उस निधि का,
लूटपाट और दुराचार ही चहुँ दिशि में छाया है; तन-मन से हो लिप्त और कहते ईश्वर की माया है,
कविता काले रूप सृष्टि यह जब परवान चढेगी; आने वाली पीढ़ी हमसे यही तो पाठ पढेगी,
सत्यम-शिवम-सुन्दरम रचना की कल्पना न होगी; कदाचार से व्याप्त जगत की दुर्गति दूर न होगी,