भगत सिंह सरदार
झुके न आगे जुल्म के, सहे न अत्याचार।वह बागी आवाज है,भगत सिंह सरदार ।।-भगत सिंह सरदार सा, जिसने जना सपूत।वह माता विद्यावती ,जंगम तीरथ पूत ।।-महाकाल के भाल पर, ये तिरपुंड ललाम।भगत सिंह सुखदेव का,राजगुरू का नाम।।-क्रांति-ऋषी थे देश के, विद्रोही आचार्य ।प्राण होम करके किया,भारत माँ का कार्य।।-जीवन था ज्