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Rahasya*(रहस्य)

17 अक्टूबर 2021

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ख्वाहिशें अपनी अपनी पूरी करते थे
प्यार को दिलो में बसा कर रखते थे
ना जाने कहां गए वो दिन
जहां अपने जहान में मोहब्बत बसाये रखते थे
पर्दा किया करते थे उनसे
उनसे उनकी मोहब्बत को छुपाते थे
चहाने वाले बहुत मिले थे हमको
पहचाने को चले पर पहचान नहीं पाये थे
जब वह हमसे दूर जा चुके थे
तब मोहब्बत का पर्दा जहान से उठा पाए थे

लेखक डॉ आकाश कुमार
17-10-2021
Dinesh Dubey

Dinesh Dubey

बहुत ही अच्छा

7 दिसम्बर 2021

Dr.Akash Kumar

Dr.Akash Kumar

14 दिसम्बर 2021

शुक्रिया जी सुप्रभात एवं राधे-राधे 🙏🏻🙏🏻

गीता भदौरिया

गीता भदौरिया

बहुत ही बढिया भावनात्मक

20 अक्टूबर 2021

Dr.Akash Kumar

Dr.Akash Kumar

22 अक्टूबर 2021

Thank you ji 🙏🏻

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