ख्वाहिशें अपनी अपनी पूरी करते थे
प्यार को दिलो में बसा कर रखते थे
ना जाने कहां गए वो दिन
जहां अपने जहान में मोहब्बत बसाये रखते थे
पर्दा किया करते थे उनसे
उनसे उनकी मोहब्बत को छुपाते थे
चहाने वाले बहुत मिले थे हमको
पहचाने को चले पर पहचान नहीं पाये थे
जब वह हमसे दूर जा चुके थे
तब मोहब्बत का पर्दा जहान से उठा पाए थे
लेखक डॉ आकाश कुमार
17-10-2021