खुशियों सा जीवन था अपना
मदमस्त जवानी थी
होश नहीं था हम दोनों को
एक दूजे में हम रहते थे
पर ले आई ऐसी की
ना जाने वो कैसी थी
साथ जो छूट गया जीवन का
वो जीवन अब ना हमारा था
सब कुछ बदल गया अपना
ना जाने वह कैसा था
ना अपना था वह जीवन में
ना बेगाना लगता था
✳️✳️ डॉ आकाश कुमार
21-12-2021