हौसला हैं जिंदादिली और कुछ खुमारी है
जि़न्दगी जीने की तरकीबें ये हमारी है।
सोचने समझने का वक्त ही नहीं देता,
सोचता हूँ यारों वो भी गजब शिकारी है।
तुम खुदा कहो या उसकी करो मिन्नतें सौ,
एक दिन तो आनी ही यार सबकी बारी है।
साथ चलने से कट जाते हैं रास्ते कितने,
लोग कहते हैं सच ही सीख ये करारी है।
तुम कहो तुम्हारी हैं ख्वाहिशें यहाँ जो भी,
यार की खुशी पर कुर्बान जां हमारी है।
इक ग़ज़ल की खातिर यूँ जागना नहीं अच्छा,
यार हमसे अच्छा तो राह का भिखारी है।
दास्तां लिखी जो उसने पढ़ा नहीं कोई,
और लोग कहते हैं वो मुआ अनारी है।
एक राह की हैं सौ मंजिले अगर बाग़ी,
रात दिन भटकता फ़िर क्यों भला मदारी है।
#बाग़ी