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अनम इब्राहिम 7771851163 रौशन हुआ सवेरा खुल गई पलकें। ये वक़्त एक अँधेरे और उजाले का दरमियानी हिस्सा है। हवा भी ताज़ा तरीन है मौसम के मिज़ाज़ भी कुछ नये है हल्लागुल्ला भी खामोशियों में गूम है सांसों