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वंदे मातरम्... 🇮🇳🇮🇳

26 जनवरी 2022

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26 जनवरी 1950 को भारत में गणतंत्र की स्थापना हुई..। तबसे इस दिन को हर साल गणतंत्र दिवस के रुप में मनाया जाता है..। 
लेकिन क्या हमें सच में गणतंत्र का मतलब और महत्व पता हैं..। 
नहीं.... हम लोगो ने स्वतंत्रता सेनानियों और उनके बलिदान का मजाक बना कर रख दिया हैं..। 

स्वतंत्रता दिवस हो या गणतंत्र दिवस... सुबह से सभी सोशल मीडिया पर शुभकामनाएं और बधाइयों के संदेश आने शुरू हो जाते हैं...। विधालयों में देशभक्ति के आयोजन होते हैं.... सामाजिक स्थानों पर तिरंगा फहराया जाता हैं..। राजकीय स्थानों पर परेड निकाली जाती हैं... और अभी तो एक नया प्रचलन शुरू हुआ हैं... लोग अपने वाहनों पर इस दिन शान से तिरंगा लगाते हैं... ये दिखाने और जताने के लिए की हम भारतीय हैं... हमें अपने देश पर गर्व हैं..। 
अगले दिन आपको वहीं तिरंगा सड़कों पर.... कचरा पात्र में..... गंदगी में मिलेगा....। क्यूँ..... क्या आप सिर्फ एक दिन के लिए ही देश से प्यार करते हैं...? 
एक बार अपने दिल पर हाथ रखकर सच में ये सोचिए क्या ये सही हैं..? 

ये सब दिखावा.... क्यूँ..? 
किसको दिखाने के लिए...? 

इन दिनों सुबह होते ही टेलीविजन चलाकर देखेंगे तो वहाँ भी ये ही नजारें देखने को मिलेंगे...। 
हर चैनल पर देशभक्ति के गाने और मूवी आ रहीं होगी...। 
समाचार चैनलों पर परेड दिखाई जा रहीं होगी..। 
अगले दिन वही लड़ाई झगड़े बहस और खून खराबे की बातें...। 
क्या ये सही हैं....? 


मुझे आज भी अच्छे से याद है की हम जब छोटे थे तब इन दो दिनों का बहुत इंतजार करते थे क्योंकि तिरंगा फहराने के और सभी कार्यक्रम होने के बाद हमें अंत में दो तीन तरह के फल मिलतें थे....। हम इन दिनों विघालय जातें ही उन फलों के लालच में थे.... क्योंकि हम बहुत कम थे पैसों में..... हमारे घर कभी फल आतें ही नहीं थें....। 
लेकिन आज जब हम सोचते हैं पता लगता हैं.... क्या हम खुद सही थे....? नहीं उस वक्त हम भी सही नहीं थें.... उस वक़्त हम कुछ फलों के लालच में इस दिन को मनाते थे...। उस वक्त बचपना और भूख ज्यादा हावी था हम पर....। शायद हमें इन दिनों का इतना महत्व पता ही नहीं था और ना ही हम कुछ करने में सक्षम भी थे...। 
लेकिन आज महत्व भी पता हैं और सक्षम भी हैं...। 
इसलिए आप सभी से भी ये हाथ जोड़कर निवेदन हैं.... भारतीय हो तो भारतीय होने का सही फर्ज अदा करो...। अपने घर या आसपास कही भी तिरंगा दिखे उसे उठाकर सीने से लगा ले...। एक अलग ही खुशी मिलेगी...। 
सिर्फ एक दो दिन नहीं बल्कि हर दिन देश का सम्मान करें.... वीरों का सम्मान करें...। अपने घर के बड़ों का आदर करें.... बच्चों को प्यार दे...।
शुरुआत अपने आप से अपने घर से करें.... कभी भी कही भी राष्ट्रगान चल रहा हो तो उसका सम्मान करें.... घर में बच्चों को भी उसका महत्व बताएं। 
अपनी बोली में मधुरता लाएं.... बिना वजह की लड़ाई... बहस से दूर रहें....। 
हर कोई बार्डर पर जाकर लड़ाइयाँ तो नहीं लड़ सकता ना...! 
लेकिन जिस समाज में हम रहते हैं... जिस घर में हम रहते हैं... वहाँ का माहौल तो बेहतर बना सकते हैं ना.... सही मायनों में यह भी एक तरह की देशभक्ति ही हैं...।

सबसे महत्वपूर्ण बात.... कही भी किसी के साथ भी कुछ गलत होता हुआ दिखे तो उसका विरोध करें....। 
 मेरा क्या.... मुझे क्या लेना.... बाड़ में जाए... फालतू की मगजमारी कौन करे...... इन सब बातों को बोलकर अपने इंसानियत के फर्ज से मुंह ना मोड़ें....। गलत का साथ देने वाला भी गलत ही होता हैं...। 


एक और बात अगर आप किसी गरीब या भूखे की मदद करने में सक्षम हैं तो वो जरूर करें....। ये भी एक तरह की देशभक्ति ही हैं...। वो सब भी हमारे देश के वासी हैं....। 

जय हिंद......। 



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वंदे मातरम्..... 🇮🇳🇮🇳
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आजादी और गणतंत्र के सही मायने क्या हैं... ये बताने की एक छोटी सी कोशिश की हैं....।

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