एक बार कहने से देश बंद ,कहने से नोट बंद
कहिए ना मोदी जी शराब बंद ।
कई दिन हो गए है बाप ने सर पर
हाथ नहीं फेरा है माँ के लभपर मुस्कान नहीं
कहिए ना मोदी जी शराब बंद
आँखों मे चम्मक,चेहरे पर मुस्कान है
मैं भी तो बच्चा हु
कहिए ना मोदी जी शराब बंद
बच्चे पापा कहके लिपट ते है,
कोई कमर पकड़े तो कोई हाथ ,
मुझे तो झिरकी मिली है
कहिए ना मोदी जी शराब बंद ।
कहने से देश बंद ,कहने से नोट बंद
कहिए ना मोदी जी शराब बंद
खाना तो हम रोज हीं खाते है
पेंट मे ओ अंगार जलते है
माँ रो रही है
कहिए ना मोदी जी शराब बंद
किसी का घर बाड मे ,
किसी का तूफ़ान में,
मेरा तो शराब मेंं,
कहिए ना मोदी जी शराब बंद
मैं रो ...रो..रो.. के कहुं या हस्स हस्स के ,
आप एक बार कहे ना शराब बंद ।