आपके बॉडी पार्ट्स आपसे कब - कब डरते हैं , जानिये ?
1. पेट (Stomach)
उस वक्त डरा होता है जब आप सुबह का नाश्ता नहीं करते।
2. गुर्दे (Kidneys)
उस वक्त खौफ में होते हैं जब आप प्यास लगने पर पानी नहीं पीते।
3. पित्ताशय (Gallbladder)
उस वक्त परेशान होता है जब आप रात 11:00 बजे तक सोते नहीं और सूरज उगने से पहले जागते नहीं हैं।
4. छोटी आंत (Small Intestine)
उस वक्त तकलीफ महसूस करती है जब आप ठंडी चीजें पीते हैं और बासी खाना खाते हैं।
5. बड़ी आंत (Large Intestine) में उस वक्त ज्यादा तकलीफ होती है जब आप तली हुई या मसालेदार चीजें खाते हैं।
6. फेफड़े (Lungs) उस वक्त बहुत तकलीफ महसूस करते हैं जब आप धुआं धूल सिगरेट बीड़ी से भरपूर हवा में सांस लेते हैं।
7. यकृत (Liver) उस वक्त बीमार होता है जब आप बहुत तली हुई खुराक और फास्ट फूड खाते हैं।
8. दिल (Heart) उस वक्त बहुत गमगीन होता है जब आप ज्यादा नमकीन और कोलेस्ट्रोल वाली चीजें खाते हैं।
9. अग्न्याशय (Pancreas) उस वक्त बहुत डरता है जब आप बहुत ज्यादा मिठाई खाते हैं और खासकर जब वह फ्री में मिल रहीं हों।
10. आंखें (Eyes) उस वक्त तंग आ जाती हैं जब आप अंधेरे में मोबाइल और कंप्यूटर पर उनकी तेज रोशनी में काम करते हैं।
11. दिमाग (Brain) उस वक्त बहुत दु:खी होता है जब आप नेगेटिव सोचते हैं।
☝️ कृपया ध्यान दें☝️
आपके नाज़ुक अंगो को घायल कर रहा आपका कठोर व्यवहार👇👇
1.आमाशय घायल होता है जब आप प्रातः काल अल्पाहार नही करते हैं।
2.किडनी घायल होती है जब आप 24 घण्टे में 10 गिलास पानी नही पीते
3.पित्ताशय घायल होता है जब आप रात्रि 11 बजे तक सोते नही है और सूर्योदय से पूर्व जागते नही हैं।
4.छोटी आंत घायल होती है जब आप ठंडा और बासी भोजन करते हैं।
5.बड़ी आंत घायल होती है जब आप बहुत तला भुना और मसालेदार भोजन करते हैं।
6.फेफड़े घायल होते हैं जब आप सिगरेट,और धुयें आदि से प्रदूषित वातावरण में सांस लेते हैं।
7.लिवर घायल होता है जब आप बहुत भारी जंक, फ़ास्ट फ़ूड खाते हैं।
8.हृदय घायल होता है जब आप अपने भोजन में अधिक नमक और केमिकल रिफाइंड तेल खाते हैं।
9.अग्न्याशय घायल होता है जब आप मीठी चीजे ज्यादा मात्रा में खाते हैं क्योंकि वो स्वादिष्ट और सहज उपलब्ध हैं।
10.आँखें घायल होती हैं जब आप कम प्रकाश में मोबाईल और कम्प्यूटर स्क्रीन पर काम करते हैं।
11.मस्तिष्क घायल होता है जब आप नकारात्मक सोचने लगते हैं।
12- आत्मा घायल होती है जब आप नैतिकता के विरुद्ध कार्य करते हैं।
तंदुरुस्ती हजार नियामत।
आप सभी अंगो को अच्छी तरह से देखभाल कर अपने को स्वस्थ रखिये।
अपने शरीर के हर हिस्से का ख्याल रखें। याद रखें ये अंग बाजार में नहीं मिलते हैं।