दिमाग के लिये अद्भुत सर्दी स्पेशल सेहत का खज़ाना..
घी बादाम के इस प्रयोग से याददाश्त हो जाएगी तीन गुना...
अच्छा व नियमित खान-पान न होना भी याददाश्त कमजोर होने का बड़ा कारण है। इसीलिए लोग ठंड में घी और बादाम का सेवन करते हैं।
लेकिन अगर घी व बादाम का सेवन आयुर्वेदिक तरीके से किया जाए तो किसी की भी याददाश्त तीन गुना बढ़ सकती है।
कैसे बनाएं बादाम घृत.?
बादाम का छिलका रहित गिरी और नारियल की गिरी 50-50 ग्राम
खसखस व मगज 70-70 ग्राम,
खरबूजे की गिरी 5 ग्राम,
चिरौंजी 5 ग्राम और
पिस्ता 5 ग्राम
इन सबको कूट पीसकर रखें।
फिर 400 ग्राम घी लालिमायुक्त होने तक गर्म करें और उक्त मिश्रण को डाल दें।
जब घी का रंग बदलने लगे तब नीचे उतारकर छानकर सुरक्षित रखें।
इस प्रकार तैयार इस घृत बादाम की चम्मच मात्रा को दूध में मिलाकर सेवन करें।
मस्तिष्क और तलुवों पर इस घी की मालिश भी उपयोगी है।
इस घी के उपरोक्त प्रकार सेवन से दिमाग की निर्बलता, शुष्कता , आंखो की ज्योति बढ़ती है व मानसिक कार्य करने वालों के लिए बादाम घृत बहुत अधिक लाभदायक है।
नोट-
घी को छानने के बाद शेष पदार्थ को आटे में भूनकर मिलाकर और थोड़ी चीनी डालकर पंजीरी बनाकर सुबह नाश्ते के रुप में सेवन करें। बहुत उत्तम रहेगा।
की चिक्की
चमत्कारी चिक्की के अद्भुत लाभ
(1). उच्च पोषक मूल्य
(2). शुद्ध, प्राकृतिक और स्वास्थ्यकर (कोई रंग और संरक्षक नहीं)।
(3). मूंगफली से प्रोटीन और गुड़ से आयरन देता है।
(4). चॉकलेट का उत्तम प्रतिस्थापन।
(5). आपके शरीर के ग्लूकोज को रिचार्ज करता है और तुरंत ऊर्जा बढ़ाता है।
(6). चिप्स और पटाखे जैसे जंक फूड के बजाय शाम के नाश्ते के लिए खाने के लिए बिल्कुल सही।
(7). बच्चों के लिए एक स्वस्थ कैंडी के रूप में अच्छा है जो पोषण प्रदान करता है और पेट भी भरता है।