जिगर क्या है ??
जिगर को अंग्रेजी भाषा में लिवर (Liver) कहते है|
लिवर हमारे शरीर का मुख्य और सबसे बड़ा अंग है|
लिवर लाल भूरे रंग का होता है और यह पेट में दाएं हिस्से में होता है|
लिवर का वजन 2.5 से लेकर 3 पौंड तक होता है|
जिगर हमारे शरीर में होने वाली अनेक प्रकार की क्रियाओं को अपने कण्ट्रोल में रखता है|
इसी कारण से लिवर के खराब होने पर शरीर की अनेक प्रकार की क्रियाये सही तरीके से काम करना बंद कर देती है|
लिवर में किसी भी प्रकार की समस्या होने पर तुरंत इलाज करा लेना चाहिए, क्योंकि लिवर में चलने वाली प्रॉब्लम अनेक प्रकार के रोगो को जन्म दे सकती है|
लिवर शरीर का अहम हिस्सा है, इसीलिए लिवर में किसी भी प्रकार का संक्रमण, दर्द, सूजन या कोई अन्य बीमारी होने पर तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए|
लिवर से जुडी किसी भी समस्या को नजर अंदाज करना आपके लिए बहुत खतरनाक हो सकता है|
इस पोस्ट में हम आपको लिवर की सूजन, लिवर की खराबी और लिवर की गर्मी दूर करने के घरेलू और आयुर्वेदिक उपाय बताएंगे...
लिवर की सूजन क्या है?
लीवर शरीर के मुख्य अंगो में से एक है|
कई बार गलत आदतों, गलत दवा या कई प्रकार की दवा के सेवन से लीवर में सूजन आ जाती है|
लीवर शरीर के 500 से अधिक काम को करने में काम आता है और यह शरीर की बड़ी ग्रंथि है|
लीवर को यकृत और कलेजा आदि नामो से भी जाना जाता है लीवर विषैले पदार्थो को शरीर से बाहर निकालता है, शरीर को ऊर्जा देता है।
और भोजन पचाने जैसे शरीर के मुख्य काम करता है|
लिवर की सूजन का इलाज करने से पहले यह जान लेना चाहिए, कि लिवर शरीर का मुख्य हिस्सा क्यों है । और इस शरीर में किस प्रकार और क्या क्या काम करता है|
आइये जाने लिवर की सूजन और लिवर से जुडी अन्य प्रॉब्लम के इलाज के बारे में विस्तार से|
लिवर के कार्य क्या क्या है?
लिवर शरीर के मुख्य अंगो में से एक है और यह शरीर में अनेक प्रकार के काम भी करता है|
लिवर शरीर में पित्त का उत्पादन करने और भोजन को पचाने का काम करता है|
पित्त एक प्रकार का तरह पदार्थ होता है , और यह पित्ताशय की थैली में विटामिन और प्रोटीन के अवशोषण के लिए बहुत जरुरी होता है।
यह शरीर में खून को छानने का काम भी करता है|
हम जब कुछ ऐसा आहार लेते है, जो हमारे शरीर के लिए नुकसानदायक है, तो लिवर उस आहार को निष्क्रिय कर देता है|
इसके बाद यह प्रोटीन का निर्माण करता है, जो शरीर को संक्रमण से बचाता है|
लिवर के मुख्य कार्य निम्न लिखित है|
रक्त डिटॉक्सिफिकेशन
रक्त का शुद्धिकरण
भोजन का पाचन
मलत्याग
एन्जाइम सक्रियण
पित्त उत्पादन
जिगर के रोग (Liver Disease)....
लीवर सिरोसिस –
यह लीवर में होने वाला एक विशेष प्रकार का रोग है । और इस रोग का विकास लीवर में धीमी गति से होता है| लीवर सिरोसिस की प्रॉब्लम में लिवर धीरे धीरे सिकुड़ने लगता है और कठोर हो जाता है|
स्वप्रतिरक्षित रोग -
स्वप्रतिरक्षित रोग से शरीर के उत्तको, कोशिकाओं और तंत्रिका तंत्र को नुकसान पहुँचता है|
इन सभी बीमारियों का सीधा असर हमारे लीवर पर पड़ता है और हमारे लिवर की कार्य करने की शक्ति धीरे धीरे कम होती जाती है|
फैटी लीवर –
जब लिवर में संक्रमण पैदा करने वाली वसा या फैट अधिक जमा हो जाता है, तब इसे फैटी लीवर कहते है|
लीवर एबसेस – लीवर एबसेस जिगर में फोड़ा होने की समस्या को कहते है|
लीवर कैंसर – लीवर की कोशिकाओं में असामान्य वृद्धि होने के कारण लीवर में कैंसर हो जाता है|
लीवर फेल्योर – लीवर में किसी भी बीमारी के लम्बे समय तक चलने और दवा के माध्यम से भी ये बीमारी ठीक ना होने के कारण लीवर काम करना बंद कर देता है| लीवर के काम करना बंद करने की स्थति को लीवर फेल्योर कहते है|
विषाणुज हेपेटाइटिस विषाणुज _
हेपेटाइटिस में संक्रमण के कारण लिवर में सूजन आ जाती है| विषाणुज हेपेटाइटिस हेपेटाइटिस वायरस के कारण होता है|
जिगर की कमजोरी की कारण..
अधिक तैलीय और मशालेदार भोजन का सेवन
खराब और अधिक दवा का सेवन
लम्बे समय तक कब्ज की समस्या
फ़ास्ट फ़ूड और बाहर के भोजन का अधिक सेवन
अधिक मात्रा में शराब और धूम्रपान करना।
लिवर खराब होने के लक्षण...
शरीर का रंग पीला पड़ना
पाचन तंत्र डैमेज होना
मतली की समस्या होना
पेट में सूजन आना
पेशाब के रंग में परिवर्तन
शारीरिक कमजोरी
आँखों के निचे काले घेरे
नींद में कमी
मुँह से बदबू आना
मानसिक प्रॉब्लम
स्थति खराब होने पर मरीज कोमा में जा सकता है|
लिवर की सूजन कैसे कम करे?
1. लिवर में सूजन आने पर करेला, गाजर, टमाटर और पालक जैसी गुणकारी सब्जियों का सेवन अधिक करना चाहिए|
2. लिवर की सूजन में लीची, सेब, जामुन और पपीते का सेवन करे|
3. लिवर में सूजन और गर्मी की समस्या होने पर घी और तैलीय चीजों का सेवन ना करे|
4. लिवर की गर्मी दूर करने के लिए पानी अधिक मात्रा में पियें|
5. लिवर की गर्मी और सूजन को दूर करने के लिए लस्सी का सेवन करे|
6. लिवर से जुडी बीमारियों से बचने और लिवर की सूजन को दूर रखने के लिए कम मिर्च मसालेदार चीजों का सेवन करे |
7. लिवर में सूजन, गर्मी और कमजोरी आने पर मीठी चीजों का सेवन ना करे |
8. लिवर सूजन और गर्मी की समस्या होने पर भोजन के स्थान पर ताजे फलो और हरी सब्जियों का सेवन करे।
लिवर की सूजन और गर्मी का इलाज...
1. लिवर की सभी प्रकार की सूजन और सभी प्रकार की बीमारियों को दूर करने के लिए रोजाना खाली पेट 300 ग्राम जामुन खाये|
इसके बाद सूरज ढलने से पहले 200 ग्राम जामुन खाये| ध्यान रहे जामुन अच्छी क्वालिटी की होनी चाहिए| नियमित रूप से कुछ दिनों तक ऐसा करने से लिवर की सूजन और अन्य जुडी बीमारियां दूर हो जायेगी|
2. पीले रंग की बड़ी हरड़ को पीसकर बारीक़ चूर्ण बना ले| अब पुराने गुड में इस चूर्ण को मिलाकर छोटी छोटी गोलियां बना ले| अब सुबह शाम रोजाना ताजे पानी से एक एक गोली ले ।
एक से डेढ़ महीने तक रोजाना ऐसा करने से लिवर की सूजन और अन्य बीमारियां दूर हो जायेगी|
3. पपीते के बीजो को सुखाये और इसका बारीक़ चूर्ण बना ले| अब एक बड़े चम्मच पपीते के बीज के चूर्ण में आधा चम्मच नींबू का रस मिलाकर रोजाना दिन में दो बार कुछ दिनों तक नियमित रूप से ले|
इस घरेलू नुस्खे के सेवन से लिवर की सूजन जल्दी ही दूर हो जायेगी|
4. एक गिलास पानी में 25 ग्राम आंवले का रस मिलाकर रोजाना दिन में चार बार सेवन करने से लिवर की सूजन दूर हो जाती है और इससे लिवर को मजबूती भी मिलती है|
5. लिवर से जुडी सभी बीमारियों को दूर करने के लिए और लिवर की कमजोरी दूर करने के लिए रोजाना दिन में तीन बार नियमित रूप से गेहूँ के ज्वारे (Wheatgrass) का सेवन करे| इसमें शरीर के लिए जरुरी सभी प्रकार के पोषक तत्व मौजूद होते है|
6. लिवर की सूजन, गर्मी और अनेक सम्बंधित बीमारियों को दूर करने के लिए रोजाना दिन में दो बार गाजर के जूस में पालक का जूस मिलाकर पियें।
7. एक गिलास ताजे पानी में स्वादनुसार शहद और एक चम्मच सेब का सिरका मिलाकर रोजाना दिन में दो बार पियें|
इससे शरीर में मौजूद सभी विषैले पदार्थ शरीर से बाहर निकल जाते है| जिससे लिवर की कमजोरी दूर होती और लिवर सभी प्रकार के संक्रमण से बच जाता है|
8. लिवर की सूजन और कमजोरी को दूर करने के लिए रोजाना रात को सोने से पहले एक गिलास दूध में आधा चम्मच हल्दी पाउडर मिलाकर पियें| हल्दी वाला दूध सूजन कम करने का सबसे अच्छा और सस्ता उपाय है|
9. लिवर अच्छी तरह काम करे, इसके लिए लिवर को विटामिन डी उपयुक्त मात्रा में मिलना जरुरी होता है| आंवले में अधिक मात्रा में विटामिन डी पाया जाता है|
लिवर अच्छी तरह काम करे और लिवर से जुडी सभी प्रकार की बीमारियां दूर हो जाये, इसके लिए रोजाना तीन बार आंवले के जूस या आंवले के मुरब्बे का सेवन करे|
10. लिवर की गर्मी दूर करने के लिए एक गिलास ताजी लस्सी में पीसी काली मिर्च, पीसा जीरा और पीसी हींग मिलाकर भोजन करने के बाद रोजाना एक गिलास पियें|
इस घरेलू नुस्खे के रोजाना सेवन से कुछ ही दिनों में लिवर की गर्मी दूर हो जायेगी|
11. लिवर की कमजोरी और गर्मी को दूर करने के लिए रोजाना सुबह शाम एक गिलास ताजे पानी में एक नींबू का रस निचोड़कर पियें|
12. अगर आपको लीवर सिरोसिस की समस्या है ,अर्थात अगर आपका लिवर सिकुड़ने लगा है, तो रोजाना दिन में दो बार 100 ग्राम कच्ची प्याज खाये|
कुछ दिनों तक नियमित ऐसा करने से लीवर से जुडी सभी बीमारियां दूर हो जायेगी|
13. पानी को उबालने के लिए रखे और इस पानी में मुलेठी की जड़ का पाउडर डाले और कुछ देर बाद छलनी से छानकर इसे ठंडा करके पियें| नियमित रूप से कुछ दिनों तक इस घरेलू नुस्खे के सेवन से लिवर की गर्मी दूर हो जायेगी|
लिवर स्वास्थ्य के टिप्स...
1. रोजाना योग और व्यायाम करे।
2. एंटीबायोटिक दवा का अधिक जरूरत पड़ने पर ही उपयोग करे|
3. अधिक तैलीय और मशालेदार भोजन ना करे|
4. दवा का अधिक सेवन करने से बचे|
5. दवा हमेशा अच्छी कंपनी की खाये|
6. शराब और धूम्रपान से हमेशा दूर रहे|
7. बाहर का खाना और जंक फ़ूड ना खाये|
हमने आपको लिवर की सूजन, लिवर की गर्मी और लिवर की कमजोरी दूर करने के घरेलू और आयुर्वेदिक नुस्खों के बारे में बताया|
ये नुस्खे लिवर से जुडी सभी बीमारियों के इलाज में कारगर है, और इनका शरीर पर किसी प्रकार का कोई गलत असर नहीं होगा।
लीवर की सूजन और गर्मी दूर करने के लिए अपनाये ये घरेलू नुस्खे
लीवर हमारे शरीर का सबसे अहम हिस्सा है। यह भोजन पचाने, एनर्जी देने और विषैले पदार्थों को शरीर से बाहर निकालने का काम करता है। काबोहाइड्रेट्स को लीवर ग्लाइकोजन के रुप में शरीर में जमा करके रखता है और आवश्यकता पड़ने पर इसे ग्लूकोज के रुप में छोड़ता है। यह ना केवल रक्त को साफ करने का काम करता है बल्कि स्वाभाविक रूप से हमारे शरीर द्वारा उत्पादित जहरीले रसायनों को भी शरीर से बाहर निकालने में मदद करता है। इसके अलावा लीवर शरीर में प्रोटीन का निर्माण भी करता है। प्रदूषित वातावरण, गलत खान-पान, सिगरेट और शराब के अधिक सेवन से अक्सर लोगों को लीवर में सूजन की शिकायत हो जाती है।
जिसकी वजह से पेट में दर्द होने लगता है और वजन कम हो जाता है। ऐसे में कुछ घरेलू उपाय अपनाकर लीवर को स्वस्थ रखा जा सकता है।
आइए जानिए इसके लक्षण और उपचार के बारे में पेट में सूजन मुंह से दुर्गंध आना पाचन क्रिया खराब होना चेहरे और आंखों में पीलापन यूरिन का रंग बदलना शरीर में कमजोरी डार्क सर्कल नियमित रुप से ज्यादा शराब पीना बढ़ते वजन के कारण फैटी लीवर की सम्भावना बढ़ जाना नमक का सेवन करना दूषित खानपान की वजह से हेपेटाइटिसी ए, बी या सी के वायरस से भी लीवर में दिक्कते होती है। ज्यादा तली हुई और मसालेदार चीजों से भी लीवर में गर्मी बढ़ सकती है।
गाजर का जूस लीवर की सूजन कम करने के लिए रोजाना गाजर का जूस पीएं। इसके अलावा गाजर जूस में पालक जूस मिलाकर भी सेवन कर सकते हैं। इसके लिए मुलेठी को पीसकर पाउडर बना लें और इसे पानी में उबालें। जब पानी ठंडा हो जाए तो इसे छान कर पी लें।
इससे लीवर की सूजन और गर्मी दूर होगी।लीवर की सूजन को कम करने के लिए 1 चम्मच सेब के सिरका और 1 चम्मच शहद को 1 गिलास पानी में मिलाकर पीएं। इससे शरीर से विषैला पदार्थ बाहर निकलेंगे और सूजन कम होगी। इसके लिए 1 गिलास पानी में 1 नींबू का रस और थोड़ा-सा सेंधा नमक मिलाकर पीने से भी फायदा होता है। दिन में दो-तीन बार इसका सेवन करने से लीवर की गर्मी दूर होती है। 1 गिलास छाछ में काली मिर्च, हींग और भूना जीरा डालकर भोजन के साथ पीएं। इससे लीवर की सूजन और गर्मी दूर होगी। रोजाना कच्चा प्याज खाने से भी लीवर को राहत मिलती है। इसमें मौजूद एंटीसेप्टिक गुण लीवर को स्वस्थ रखते है। रोजाना एकआपको कच्चा प्याज खाएं, कुछ दिन खाकर देखिए, अगर लीवर सिरोसिस की समस्या है तो आपको इससे निजात मिल जाएगी।
आंवले में विटामिन सी अधिक मात्रा में होता है जो लीवर को सही तरीके से कार्य करने में मदद करता है। आंवला रस या आवंला का चूर्ण खाने से लीवर की हर तरह की तकलीफ से निजात पाया जा सकता है गेंहू के जौ में सभी प्रकार के जरुरी पोषक तत्व शामिल होते है जो लीवर की बीमारी के उपचार के लिए आवश्यक होते है। ज्वार या जौ के रस से भी लीवर की गर्मी को दूर किया जा सकता है। जितना ज्यादा पानी आप पूरे दिन में पीएंगे, लीवर को उतना ही फायदा होगा। रोजाना दूध और दही का सेवन करें, इससे लीवर तंदरुस्त रहेगा। मिर्च मसाला कम खाएं। तली हुई चीजें और घी का उपयोग कम करें। चीनी और मीठी चीजें खाने से बचें। जब तक आप लीवर की समस्या से गुजर रहे है तब तक रोटी खाने से बचें, और हरी सब्जियां और फलों का सेवन करना चाहिए।
खाने-पीने की गलत आदतों की वजह से लिवर प्रभावित होता है।
लिवर में सूजन का इलाज न किया जाए तो ये लिवर कैंसर में बदल जाता है।
एप्पल विनेगर लिवर की सूजन को कम करने में काफी मददगार है।
लिवर हमारे भोजन के पाचन और शरीर से विषैले पदार्थों को बाहर निकालने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। आजकल की जीवनशैली और खान-पान की गलत आदतों की वजह से पेट से जुड़ी समस्याएं बढ़ गई हैं। खाने पीने की गलत आदतों की वजह से लिवर प्रभावित होता है और उसमें कई तरह की समस्याएं शुरू हो जाती हैं। इन्हीं में से एक समस्या है लिवर में सूजन होना और लिवर का कमजोर होना। अगर सही समय से लिवर में सूजन या फैटी लिवर का इलाज न किया जाए तो ये लिवर कैंसर में बदल जाता है समस्याएं बढ़ जाती हैं। लेकिन कुछ घरेलू नुस्खे हैं जिनकी मदद से लिवर की सूजन को कम किया जा सकता है और लिवर को मजबूत बनाया जा सकता है। आइये आपको बताते हैं इन नुस्खों के बारे में।
एप्पल विनेगर लिवर की सूजन को कम करने में काफी मददगार है। दरअसल लिवर के आसपास ढेर सारा फैट जमा हो जाने के कारण फैटी लिवर या लिवर के सूजन की समस्या हो जाती है। सेब का सिरका यानि एप्पल साइडर विनेगर लिवर के आसपास इक्ट्ठा इस फैट को कम करने में मदद करता है। इसके लिए खाना खाने से आधे घंटे पहले एक ग्लास गुनगुने पानी में एक चम्मच एप्पल विनेगर डालकर पी लें। अगर समस्या ज्यादा है तो इसे दिन में दो बार पियें। लिवर की सूजन ठीक हो जाएगी।
जामुन
जामुन लिवर के तमाम रोगों में बहुत फायदेमंद होता है और इसके सेवन से लिवर की6शक्ति बढ़ती है और वो अपना काम ठीक से कर पाता है। लिवर के सूजन की समस्या होने पर जामुन के पत्तों को पीसकर इसका रस निकाल लें और पानी में मिलाकर पी लें। दो बार के प्रयोग से ही लिवर की सूजन और दर्द में राहत मिलेगी। इसके अलावा जामुन के सेवन से भी लिवर की सूजन कम हो जाती है।
मुलेठी
मुलेठी एक तरह का पौधा होता है जिसकी जड़ें स्वाद में मीठी होती हैं। इसकी जड़ों में तमाम औषधीय गुण होते हैं इसलिए ये आयुर्वेद में बहुत पुराने समय से इस्तेमाल की जा रही है। लिवर के सूजन की समस्या होने पर मुलेठी की सूखी जड़ों को पीसकर इसका पाउडर बना लें। इस पाउडर को एक ग्लास उबलते हुए पानी में एक चम्मच डालें और थोड़ी देर पकने दें। जब ये मिश्रण तीन चौथाई बचे तो इसे गुनगुना करके पी लें। लिवर के सूजन की समस्या ठीक हो जाएगी
और पालक का जूस
गाजर और पालक का जूस भी लिवर के सूजन की समस्या में फायदेमंद होता है। इसके लिए पालक के कुछ पत्तों को और गाजर को छीलकर 15 मिनट के लिए पानी में भिगा दें फिर इसे इसका जूस बनाकर इसे पिएं। इस जूस से पेट की तमाम समस्याएं भी ठीक होती हैं। पालक के जूस से खून में हीमोग्लोबिन का स्तर बढ़ता है और एनीमिया जैसे रोग दूर रहते हैं। गाजर का जूस आंखों के लिए बहुत फायदेमंद है।
ग्रीन टी
ग्रीन टी भी लिवर की तमाम समस्याओं को ठीक करती है। लिवर की सूजन और दर्द में ग्रीन टी पीने से इसमें लाभ मिलता है क्योंकि इसमें कई ऐसे एंटीऑक्सिडेंट्स होते हैं जो लिवर को ठीक करते हैं और बॉडी का मेटाबॉलिज्म बढ़ाते हैं। लेकिन ध्यान दीजिए कि ग्रीन टी का ज्यादा सेवन भी ठीक नहीं है और इससे एसिडिटी हो सकती है। इसलिए दिन में दो-तीन बार से ज्यादा ग्रीन टी न पिएं।
कल हर व्यक्ति को पेट से सम्बंधित कुछ न कुछ परेशानी लगी रहती है. यह परेशानी लीवर में गड़बड़ी की वजह से अधिक होती हैं. खान पान पर विशष ध्यान नहीं दे पाते हैं, जिसकी वजह से लीवर ख़राब हो जाता है. इसमें लीवर का फैटी होना, सूजन आ जाना और लीवर में इन्फेक्शन हो जाना शामिल है. यदि हमारा खाना ठीक प्रकार से नहीं पच रहा है या हमे पेट में किसी प्रकार की परेशानी आ रही हैं तो हमे समझ जाना चाहिए की ये लीवर की खराबी के लक्षण हैं. इसे अनदेखा करना घातक साबित हो सकता है.
ज्यादातर लीवर की खराबी अधिक तेल मसाले वाला भोजन, ज्यादा शराब पीने या बाहर का खाना अधिक खाने की वजह से होता है. लीवर की खराबी के कई लक्षण हो सकते हैं. इसमें मुंह बदबू आना, आंखों के नीचे काले धब्बे पड़ना, पेट में हमेशा दर्द रहना, भोजन का सही ढंग से नहीं पचना, त्वचा पर सफ़ेद धब्बे पड़ना, पेशाब या मल गहरे रंग का होना इत्यादि लीवर की खराबी के सामान्य लक्षण हैं. लीवर की खराबी का हमें जांच के बाद ही पता चल सकता है.
यदि पाचनतंत्र में खराबी हो या लीवर पर वसा जमा हो या फिर वह बड़ा हो गया हो तो ऐसे में पानी भी नहीं हजम होगा. त्वचा पर सफ़ेद धब्बे पड़ने लगते हैं, जिससे “लीवर स्पॉट” भी कहा जाता है. अगर हमारा लीवर सही से कार्य नहीं कर रहा होता है तो बदबू भी आने लगती है, क्योंकी मुंह में अमोनिया ज्यादा रिसता है.
लीवर को स्वस्थ रखने के लिए स्वामी परमानन्द प्राकृतिक चिकित्सालय के प्रवक्ता डॉ सुबोध भटनागर कुछ आयुर्वेदिक उपायों के बारे में बताते हैं.
रात को सोने से पहले दूध में हल्दी मिला कर पीयें. हल्दी में रोग निरोधक क्षमता होती है. यह हैपेटाइटिस बी व सी के कारण होने वाले वायरस को बढ़ने से रोकता है.
एक गिलास पानी में एक चम्मच एप्पल साइडर विनेगर और शहद मिला कर दिन में दो से तीन बार लें यह शरीर में मौजूद विषैले चीजों को निकालने में मदद करता है.
आंवला विटामिन सी का सबसे अच्छा स्रोत है. यह लीवर को कार्यशील बनाने में मदद करता है. स्वस्थ लीवर के लिए दिन में 4-5 आंवलें का सेवन ज़रूर करें.
पपीता पेट से सम्बंधित सभी रोगों क लिए एक रामबाण औषधि है. प्रतिदिन दो चम्मच पपीते के रस में आधा चम्मच नींबू का रस मिलकर पीयें. इससे पेट सम्बंधित कई परेशानियों से निजात मिलता है. खासकर यह “लीवर सिरोसिस” में लाभकारी होता है.
पालक और गाजर के रस का मिश्रण “लीवर सिरोसिस” के लिए फायदेमंद घरेलू उपचार है.
सेब और हरी पत्तेदार सब्जी पाचन तंत्र में उपस्थित जहरीली चीजों को बाहर निकलने में और लीवर को स्वस्थ रखने में मदद करता है.
भुई–आंवला या भू-धात्री एक ऐसी औषधि हैं, जो हमारे लीवर को संपूर्ण सुरक्षा देता है. इसका प्रतिदिन सेवन करना चाहिए
लिवर को तंदरुस्त रखने के लिए अपनाएं
आज के समय में पेट से जुड़ी समस्या लोगों में आम देखने को मिल रही है जो आगे चलकर लिवर खराब होने का कारण बनती है। यह समस्या ज्यादातर महिलाओं को होती है। इसका मुख्य कारण ठीक और सही समय पर भोजन न करना है। इसके साथ ही कई और परेशानियां जैसे कि फैटी लिवर, सूजन और लिवर में इंफेक्शन आदि के होने के चांचिस बढ़ते है। ऐसे में आज हम आपको कुछ ऐसे आयुर्वेदिक टिप्स बताते है जिसे फॉलो कर आप इस परेशानी से राहत पा सकते है। तो चलिए सबसे पहले जानते है लिवर खराब होने के लक्षणों के बारे में
लिवर में खराबी के लक्षण
मुंह से बदबू आना
आंखों के नीचे डार्क सर्कल्स होना
पेट में दर्द रहना
अपच की समस्या
स्किन पर सफेद दाग-धब्बे पड़ना
यूरीन का गहरा रंग
आयुर्वेदिक घरेलू टिप्स
हल्दी वाला दूध
रोजाना रात को सोने से पहले दूध में हल्दी मिला कर सेवन करें। हल्दी में कई पोषक तत्व और एंटी-ऑक्सीडेंट गुण होने से यह इम्यून सिस्टम स्ट्रांग कर शरीर में वायरस को कम करने में मदद करती है।
आंवला
विटामिन सी से भरपूर आंवला लिवर को स्वस्थ रखने का काम करता है। ऐसे में रोजाना 4-5 कच्चे आंवले या उसका रस निकाल कर जरूर पीएं।
पपीता
पपीते का सेवन करने से पेट संबंधित बीमारियों से छुटकारा पाने के लिए औषधीय स्वरूप काम करता है। यह “लिवर सिरोसिस” की समस्या को कम करने में फायदेमंद होता है। इस समस्या से बचने के लिए आप नियमित रूप से 2 टेबलस्पून पपीते का रस निकाल कर उसमें 1/2 टेबलस्पून नींबू का जूस मिक्स कर सेवन कर सकते है।
फल और हरी सब्जियां
अच्छी सेहत के लिए डाइट में हरी सब्जियां और फलों को जरूर शामिल करना चाहिए। ये लिवर को हैल्दी रखने में मदद करते है। साथ ही ये खाने को जल्दी से पचाने के साथ शरीर में मौजूद टॉक्सिन को बाहर निकालने का काम करती है।
मुलेठी
लिवर में सूजन, इंफेक्शन, हेपेटाइटिस और कैंसर को होने से रोकता है। इसमें पाए जाने औषधीय गुण लिवर को स्ट्रांग बनाए रखने में मदद करते है। लिवर की बीमारियों में मुलेठी की जड़ का पाउडर तैयार कर इसे थोड़ी देर उबलते पानी में रखना चाहिए। बाद में ठंडा होने पर इस पानी को साफ कपड़े या छननी की मदद से छान कर इसकी बनी चाय रुपी पानी को पीने से आराम मिलता है। आप इसे रोजाना 1 से 2 बार पी सकते है।
योगा
लिवर की हैल्दी और तंदरुस्त रखने के लिए योगा करना भी बेहतर ऑप्शन है। इसके लिए सुबह ताजी हवा में अनुलोम विलोम प्राणायाम, भस्त्रिका प्राणायाम करना चाहिए।
लिवर की सभी समस्याओं का रामबाण इलाज
अगर आपका लिवर छोटा, कठोर हैं, सूजा हुआ हैं तो ये प्रयोग ऐसे में अचूक हैं।
अगर आप अनेक दवाये खा खा कर परेशान हो गए हैं तो ये एक बार इसको ज़रूर अपनाये।
प्रयोग इस प्रकार हैं.
एक कागजी निम्बू (अच्छा पका हुआ) लेकर उसके दो टुकड़े कर ले। फिर बीज निकालकर आधे निम्बू के बिना काटे चार भाग करें पर टुकड़े अलग अलग न हो।
तत्पश्चात एक भाग में काली मिर्च का चूर्ण, दूसरे में काला नमक (अथवा सेंधा नमक) तीसरे में सोंठ का चूर्ण और चौथे में मिश्री का चूर्ण (या शक्कर) भर दे।
रात को प्लेट में रखकर ढक दे।
प्रात: भोजन करने से एक घंटे पहले इस निम्बू की फांक को मंदी आंच या तवे पर गर्म करके चूस ले।
इस प्रयोग से होने वाले लाभ
आवश्यकता अनुसार सात दिन से इक्कीस दिन लेने से लीवर सही हो जाता है।
इससे यकृत विकार ठीक होने के साथ पेट दर्द और मुंह का जायका ठीक होगा।
यकृत के कठोर और छोटा होने के रोग (Cirrhosis of the liver) में अचूक है।
पुराना मलेरिया, ज्वर, कुनैन या पारा के दुर्व्यवहार, अधिक मधपान, अधिक मिठाई खाना, अमेबिक पेचिश के रोगाणु का यकृत में प्रवेश आदि कारणों से यकृत रोगो की उत्पत्ति होती हैं। बुखार ठीक होने के बाद भी यकृत की बीमारी बनी रहती है और यकृत कठोर और पहले से बड़ा हो जाता हैं।
रोग के घातक रूप ले लेने से यकृत का संकोचन (Cirrhosis of liver) होता है।
यकृत रोगो में आँखों व चेहरा रक्तहीन, जीभ सफ़ेद, रक्ताल्पता, नीली नसे, कमजोरी, कब्ज, गैस और बिगड़ा स्वाद, दाहिने कंधे के पीछे दर्द, शौच आंवयुक्त कीचड़ जैसा होना, आदि लक्षण प्रतीत होते है।
सावधानी..!
दो सप्ताह तक चीनी अथवा मीठा का इस्तमाल न करे।
अगर दूध मीठा पीते हो तो चीनी के बजाए दूध में चार पांच मुनक्का डाल कर मीठा कर ले।
रोटी भी कम खाए।
अच्छा होगा कि जब उपचार चल रहा हो तो रोटी बिलकुल न खाकर सब्जिया और फल से ही गुजारा कर ले।
सब्जी में मसाला न डालें।
टमाटर, पालक, गाजर, बथुआ, करेला, लोकी, आदि शाक सब्जियां और पपीता, आंवला, जामुन, सेब, आलूबुखारा, लीची आदि फल तथा छाछ आदि का अधिक प्रयोग करें।
घी और तली वस्तुओं का प्रयोग कम से कम करें।
पंद्रह दिन में इस प्रयोग के साथ जिगर ठीक हो जायेगा