इलायची
मुख्यतः इलायची छोटी और बड़ी होती है।
जानिये छोटी इलायची के विषय में, जिसे संस्कृत में एला भी कहते हैं।
यह हमारे देश तथा इसके आस पास के गर्म देशों में अधिक मात्रा में पायी जाती है।
इसके पेड़ हल्दी के पेड़ के सामान होते हैं।
इलायची स्वादिष्ट होती है और आमतौर पर इसका प्रयोग खाने के पदार्थों में किया जाता है।
छोटी इलायची खाने में शीतल होती है और इसका अधिक मात्रा में उपयोग आँतों के लिए हानिकारक होता है।
इसका सेवन 1-3 ग्राम की मात्रा में किया जा सकता है।
यह कफ, खांसी, श्वास व बवासीर नाशक है और ह्रदय एवं गले की मलिनता को दूर करती है।
इसे खाने से मुख की दुर्गन्ध दूर होती है और जी मिचलाना बंद हो जाता है।
इलायची का प्रयोग हम विभिन्न रोगों के उपचार के लिए कर सकते हैं
(1)- लगभग 10 ग्राम इलायची को 1 लीटर पानी में डालकर पकाएं, जब एक चौथाई (250 ग्राम) शेष रह जाए तब उसे उतारकर ठंडा कर लें। इस पानी को थड़ी थोड़ी देर में घूँट-घूँट करके पीने से, हैजा व मूत्रावरोध रोगों में लाभ होता है।
(2)- छोटी इलायची के दानों को तवे पर भून कर पीस लें। इस चूर्ण को शहद या देसी घी में मिलाकर सुबह शाम चाटने से खांसी में लाभ होता है।
(3)- दिन में कई बार इलायची चबाने से मुँह की दुर्गन्ध व सांस की बदबू ख़त्म होती है।
(4)- इलायची को पानी के साथ पीसकर सिर पर लेप की तरह लगाने से सिर दर्द दूर हो जाता है।
(5)- इलायची, काली मिर्च, दालचीनी, धनिया और सौंठ को बराबर मात्रा में लेकर इनको दरदरा पीस लें। इस चूर्ण की दो चम्मच लेकर 250 मिलीलीटर पानी में पकाएं। जब पानी आधा रह जाए तो छानकर गुनगुना पिलायें। इससे तेज़ जुकाम दूर हो जाता है।
(6)- छोटी इलायची को पीस लें। इस चूर्ण को शहद के साथ थोड़ा-थोड़ा चाटने से पेशाब की जलन शांत होती है।