निरोगी रहने हेतु महामन्त्र
भोजन व पानी के सेवन प्राकृतिक नियमानुसार करें
रिफाइन्ड नमक,रिफाइन्ड तेल,रिफाइन्ड शक्कर (चीनी) व रिफाइन्ड आटा ( मैदा ) का सेवन न करें
विकारों को पनपने न दें (काम,क्रोध, लोभ,मोह,इर्ष्या,)
वेगो को न रोकें ( मल,मुत्र,प्यास,जंभाई, हंसी,अश्रु,वीर्य,अपानवायु, भूख,छींक,डकार,वमन,नींद,)
एल्मुनियम बर्तन का उपयोग न करें ( मिट्टी के सर्वोत्तम)
मोटे अनाज व छिलके वाली दालों का अत्यद्धिक सेवन करें
भगवान में श्रद्धा व विश्वास रखें
पथ्य भोजन ही करें ( जंक फूड न खाएं)
भोजन को पचने दें ( भोजन करते समय पानी न पीयें एक या दो घुट भोजन के बाद जरूर पिये व डेढ़ घण्टे बाद पानी जरूर पिये)
सुबह उठेते ही 2 से 3 गिलास गुनगुने पानी का सेवन कर शौच क्रिया को जाये
ठंडा पानी बर्फ के पानी का सेवन न करें
पानी हमेशा बैठ कर घुट घुट कर पिये
बार बार भोजन न करें आर्थत एक भोजन पूणतः पचने के बाद ही दूसरा भोजन करें