कीवी नाम में छोटा मगर गुणों में अमृत समान..
कीवी जितना स्वादिष्ट हैं इसके गुण उतने ही अमृत समान हैं।
किवी को यदि पोषक तत्वों का समूह कहा जाए तो ग़लत न होगा। इसमें 27 से अधिक पोषक तत्व मौजूद हैं।
यह फ़ाइबर, विटामिन-सी और ई, कैरोटेनाइड्स, एंटीआक्सीडेंट्स और कई प्रकार के मिनिरल्स से भरपूर हैं।
विटामिन-ई और मिनरल्स का खज़ाना।
इसमें विटामिन-ई और एंटीआक्सीडेंट्स की बड़ी मात्रा पायी जाती है और यह त्वचा की कोशिकाओं को लंबे समय तक ठीक रखता है। इसमें विटामिन-सी अधिक मात्रा में पाया जाता है जो संतरे की अपेक्षा दोगुनी मात्रा में होता है।
यह शरीर में आयरन सोखने में सहायता प्रदानकरता है विशेषकर अनीमिया के उपचार मेंइसका सेवन बहुत लाभदायक है।
सेल्स (प्लेटलेट्स) कम होने पर..
डेंगू बुखार हो जाने पर या सेल्स के अचानक कम होने पर इसका सेवन बहुत ही हितकारी हैं। और प्रतिरोधी क्षमता बढ़ाता है
डायबिटीज़, हृदय रोग और वज़न कम करने में.
इसमें ग्लीसेमिक इंडेक्स कम मात्रा मेंहोता है जिससे रक्त में ग्लूकोज़ नहीं बढ़ता, और वजन नियंत्रित करने में भी ये इंडेक्स बहुत उपयोगी हैं। इस कारण यह डायबिटीज़, हृदय रोग और वज़न कम करने में बहुत लाभकारी है।
अस्थमा में सांस लेने की कठिनाई में रामबाण है कीवी..
कैसे करता है मदद.?
किवी में बहुत अधिक मात्रा में विटामिन-सी होता है। एक कटोरी कटे हुए किवी में 164 मिलीग्राम विटामिन सी होता है जो आपकी दिन की विटामिन-सी का इनटेक 273% तक बढ़ा देता है। विटामिन-सी अस्थमा मरीज़ों को छींक और अन्य श्वास संबंधी समस्याओं से बचाता है। वैज्ञानिकों का कहना है कि इसे खाने से श्वसन प्रणाली में एलर्जिक रिएक्शन के कारण होने वाली सूजन भी कम हो जाती है। ये भी कहा जाता है कि कीवी खाने से खून में मौजूद इम्यून सेल्स पर भी अच्छा प्रभाव पड़ता है और वो अच्छी तरह से काम करने लगते हैं।
थोरैक्स नाम के एक जर्नल में प्रकाशित एक अध्ययन में ये बात सामने आई कि वो बच्चे जो सप्ताह में 5-7 बार कीवी फ्रूट खाते हैं उन्हें सांस लेने में समस्या ये फल न खाने वाले बच्चों की तुलना में 44% तक कम होती है। इसके सेवन के बाद बच्चों की खांसी और नाक बहने की समस्या में भी कमी देखी गई है।
तो फिर सोचना क्या, अगर इस तरह की कोई समस्या आपके परिवार में किसी को है, तो तुरंत बाज़ार से कीवी फ्रूट ले आएं और समस्या से राहत पायें |