हम देख रहे हैं........होने तक,
27 अक्टूबर 2022
मैं हिंदी,अंग्रेजी और उर्दू में गीत, कविताएं व ग़ज़ल कहने का शौक़ रखता हूँ।
उर्दू ग़ज़ल का ये पहला गुलदस्ता आप दोस्तों की महफ़िल में रखता हूँ इस उम्मीद के साथ कि आप हमारी हौसला अफ़जाई ही नहीं करेंगे बल्कि हमारी कमियों को भी ज़रूर बतायेंगे। वो गुलाबी होंठ आंखें ..झील सी गहरी नशीली, वो हसीं सरगोशियां कातिल नज़र बातें रसीली। आसमा के
उर्दू ग़ज़ल का ये पहला गुलदस्ता आप दोस्तों की महफ़िल में रखता हूँ इस उम्मीद के साथ कि आप हमारी हौसला अफ़जाई ही नहीं करेंगे बल्कि हमारी कमियों को भी ज़रूर बतायेंगे। वो गुलाबी होंठ आंखें ..झील सी गहरी नशीली, वो हसीं सरगोशियां कातिल नज़र बातें रसीली। आसमा के
हिंदी के प्रथम काव्य संग्रह को आप सभी सुधि पाठकों के मध्य रखते हुए आग्रह करना चाहूंगा कि काश! हमारे इस प्रयास में हमारे हमसफर हो सकें- चलो तह को जी लें फज़ीहत से पहले। शव-ए-ग़म तो पी लें नसीहत से पहले।। वो शहर-ए-चरागाँ ..वो जोश-ए-तमन्ना। कई जांनशीं थे
हिंदी के प्रथम काव्य संग्रह को आप सभी सुधि पाठकों के मध्य रखते हुए आग्रह करना चाहूंगा कि काश! हमारे इस प्रयास में हमारे हमसफर हो सकें- चलो तह को जी लें फज़ीहत से पहले। शव-ए-ग़म तो पी लें नसीहत से पहले।। वो शहर-ए-चरागाँ ..वो जोश-ए-तमन्ना। कई जांनशीं थे
27 अक्टूबर 2022
14 फरवरी 2022
14 फरवरी 2022
14 फरवरी 2022
14 फरवरी 2022
14 फरवरी 2022
14 फरवरी 2022
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14 फरवरी 2022
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