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अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा

11 अगस्त 2023

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अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा


अविश्वास प्रस्ताव ये परखता है कि क्या सरकार के पास समर्थन है. कोई भी लोकसभा सांसद जो 50 सांसदों का समर्थन हासिल कर सकता है, किसी भी समय सरकार के ख़िलाफ़ अविश्वास प्रस्ताव पेश कर सकता है. इसके बाद अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा होती है. जो सांसद इस प्रस्ताव का समर्थन करते हैं वो सरकार की कमियों को उजागर करते हैं.

आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अविश्वास प्रस्ताव पर अपना जवाब देंगे. इंडियन नेशनल डिवेलपमेंटल इन्क्लुसिव अलायंस यानी इंडिया ने केंद्र की मोदी सरकार के ख़िलाफ़ मणिपुर में जारी नस्ली हिंसा पर अविश्वास प्रस्ताव लाया था और इस पर मंगलवार से चर्चा जारी है. आज प्रधानमंत्री मोदी के जवाब के साथ ही चर्चा ख़त्म हो जाएगी.


पिछले दो दिनों में अविश्वास प्रस्ताव पर लोकसभा में तीखी बहस हुई है. विपक्ष ने मोदी सरकार पर आरोप लगाया वह मणिपुर को बाँट रही है. दूसरी तरफ़ सरकार ने मणिपुर में जारी हिंसा में अपने रुख़ का बचाव किया है. राहुल गांधी ने लोकसभा में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मणिपुर नहीं जाने पर सवाल उठाया। मंगलवार की शाम राहुल गांधी के आरोपों का जवाब गृह मंत्री अमित शाह ने दिया. अमित शाह ने मोदी सरकार का एक तरह से रिपोर्ट कार्ड पेश किया. अमित शाह ने कहा कि उनकी सरकार प्रदेश में हिंसा ख़त्म करने के लिए हर ज़रूरी क़दम उठा रही है. गृह मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी पर पूरे देश को विश्वास है, भले विपक्ष को अविश्वास है।रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने इस बात की पुष्टि की है कि प्रधानमंत्री मोदी गुरुवार को लोकसभा में मौजूद रहेंगे और अविश्वास प्रस्ताव पर अपना जवाब देंगे. विपक्ष मॉनसून सत्र की शुरुआत से मणिपुर पर प्रधानमंत्री के बयान की मांग कर रहा था।

बीजेपी के पास बहुमत

लोकसभा में एनडीए यानी राष्ट्रीय जनतांत्रिक मोर्चा के पास 331 सांसद हैं. केवल बीजेपी के ही लोकसभा में 303 सांसद हैं. लोकसभा में बहुमत के लिए 272 सांसद होने चाहिए। विपक्षी गठबंधन इंडिया के पास कुल 144 सांसद हैं और अगर बीआरएस के नौ सांसद साथ आ जाते हैं तो यह संख्या 152 पहुँच जाएगी. इन दोनों खेमों के अलावा वाईएस जगनमोहन रेड्डी की वाइएसआरसीपी और नवीन पटनायक के बीजू जनता दल को मिला दें तो 70 सांसद होते हैं. बीजू जनता दल संसद में अविश्वास प्रस्ताव का समर्थन नहीं कर रहा है।विपक्ष मणिपुर में जारी हिंसा पर बहस की मांग कर रहा था लेकिन बीजेपी प्रधानमंत्री मोदी के बयान को लेकर सहमत नहीं थी. ऐसे में विपक्ष ने अविश्वास प्रस्ताव की राह चुनी.

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अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा अविश्वास प्रस्ताव ये परखता है कि क्या सरकार के पास समर्थन है. कोई भी लोकसभा सांसद जो 50 सांसदों का समर्थन हासिल कर सकता है, किसी भी समय सरकार के ख़िलाफ़ अविश्वास प्रस्ताव पेश कर सकता है. इसके बाद अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा होती है. जो सांसद इस प्रस्ताव का समर्थन करते हैं वो सरकार की कमियों को उजागर करते हैं.

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