हम सभी जानते हैं समर्पण और किसी की प्रति अपने आप को न्योछावर कर देना जीवन का यही समर्पण बहुत कम देखने को मिलता है आजकल तो बहुत धोखा और छल फरेब मिलता है। जीवन के सच में आजकल हम समर्पण का मतलब भूल सकें क्योंकि हम सभी लोग अपने जीवन में मतलब और स्वार्थ के लिए सभी से संबंध और रिश्ते रखते हैं।
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