shabd-logo

बेकरार हम भी थे

17 नवम्बर 2021

16 बार देखा गया 16

कभी किसी के दिल का करार हम भी थे

कभी किसी के राज़दार हम भी थे।

खड़े रहते थे वो बहुत देर तक उस जगह 

कभी किसी का इंतजार हम भी थे। 

बच निकलने का हुनर दोस्तों से सीख लिया

नहीं तो उनके निशाने पर यार हम भी थे। 

तुमने ही तो नहीं खोया अपना चैन सारा 

किसी के लिए कभी बेकरार हम भी थे। 


Prakash Pant की अन्य किताबें

आलोक सिन्हा

आलोक सिन्हा

सुन्दर रचना

17 नवम्बर 2021

किताब पढ़िए

लेख पढ़िए