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बाबा रामअधार शुक्ला अधीर

27 जुलाई 2017

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वीरेन्द्र त्रिपाठी की अन्य किताबें

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अधीर अवधी के सशक्त हक्ष्ताक्षर

3 जनवरी 2017
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"अधीर अवधी के सशक्त हक्ष्ताक्षर" बाबा राम अधार जी जो कवियों में श्रेष्ठ है, मेरे बचपन के साथी है थोड़ा मुझ से ज्येष्ठ है।। --"अंजान" "अधीर जी की पुण्यतिथि पर अधीर "का काव्य पक्ष-एक विश्लेषण अधीर का साहित्य"- श्री राम अधार शुक्ल "अधीर" जिन्हें सभी उम्र के लोग 'बाबा जी' के नाम से पुकारते थे।वे समाज

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अदम गोण्डवी जनवादी चेतना के रचनाकार

3 जनवरी 2017
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उ प्र विधानसभा चुनाव : एक नजर में उ.प्र. चुनाव : क्या इस बार भी जातीय समीकरण तय करेगा चुनाव की दिशा Update on : 8 January, 2017, 9:57 2 1 0

8 जनवरी 2017
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युगीन यथार्थ का आईना :आईना -दर-आईना

7 मार्च 2017
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अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस केवल महिलाओँ के समान अधिकारोँ और समान अवसरोँ को स्थापित करने के लिए अंतर्राष्ट्रीय सोलिडरिटी और एकता कायम करने के उद्देश्य क

8 मार्च 2017
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अन्तरराष्ट्रीय महिला दिवस के संदर्भ में

8 मार्च 2017
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अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस केवल महिलाओँ के समान अधिकारोँ और समान अवसरोँ को स्थापित करने के लिए अंतर्राष्ट्रीय सोलिडरिटी और एकता कायम करने के उद्देश्य के प्रति ही नही बल्कि क्रान्तिकारी मजदूर वर्ग संघर्ष को भी मजबूत बनाने के लिए समर्पित है।इस संबंध मेँ स्वर्णाक्षरोँ मेँ

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आजादी आन्दोलन के विप्लवी योद्धा :भगतसिंह

20 मार्च 2017
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" आजादी आन्दोलन के विप्लवी योद्धा :भगतसिंह " शहीद -ए -आजम भगतसिंह का जीवन संघर्ष एक मिसाल है। सिर्फ 23 वर्ष की अवस्था में शहीद हुए भगतसिंह ने शोषण पर टिकी व्यवस्था को बदलने के लिए स्वयं को अर्पित कर

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बाबा रामअधार शुक्ला अधीर

27 जुलाई 2017
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अधीर

27 जुलाई 2017
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तन के गुलाम कोई मन के गुलाम , विषयन के गुलाम कोई धन के गुलाम है। दरबार तथा कोई कार के गुलाम , कोई असन बसन परिजन के गुलाम है।सुरा के गुलाम कोई सुन्दरी के कोई है अधीर सुबरन के गुलाम है।चाम के गुलाम तामझाम के गुलाम आज सत्ता के पुजारी जन-जन के गुलाम है।- बाबा राम अधार शुक्ल " अधीर"प्रस्तुति अधीर साहित्य

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कलम के सिपाही मुंशी प्रेमचंद

30 जुलाई 2017
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" कलम के अमर सिपाही " आधुनिक हिन्दी साहित्य की चर्चा 'मुंशी प्रेमचंद 'के साहित्य के बगैर अधूरा है। प्रेमचंद ने अपने लेख न में भारतीय समाज में व्याप्त कुरूपता, असमानता, अत्याचार व अन्याय क

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के के शुक्ला लखनऊ

14 अगस्त 2017
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केके शुक्ला

14 अगस्त 2017
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13 अगस्त, 2017, लखनऊ। नागरिक परिषद और सर्वहारा लेखक संघ के संयुक्ततत्वाधान में शहर के वरिष्ठ सामाजिक कार्यकर्ता एवं श्रमिक नेता के0 के0 शुक्ला(क्रांति कुमार शुक्ला) के 80वें जन्मदिन पर उनका नागरिक अभिनन्दन कियागया। श्री शुक्ला का जन्म 9 अगस्त, 1937 को मवैया लखनऊ में हुआ था। का0शुक्ला पिछले 60 वर्षों

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बहार की नई काव्य कृति पर समीक्षात्मक टिप्पणी

7 जनवरी 2018
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