देश के ग्रामीण अंचलों में सूद पर सूद लेने का महाजनी चलन अब भी जारी है। कई जगह तो इस काम में कांग्रेस और बीजेपी जैसी स्थापित पार्टियों के सांसद व विधायक तक लगे हुए हैं। लेकिन शहरी इलाकों में बैंक भी इस काम को बखूबी अंजाम दे रहे हैं। वे इसके लिए सूद पर सूद नहीं, चक्रवृद्धि और साधारण ब्याज के अंतर का फायदा उठाकर ग्राहकों की जेब ढीली कर रहे हैं।
अभी कुछ दिनों पहले ही यह हादसा मेरे साथ होते-होते बच गया। वो भी इसलिए कि मैं इस अंतर से वाकिफ था और लाख दवाबों के बावजूद उनके झांसे में नहीं आया। हुआ यह है कि मैंने अपने एकाउंट में कुछ दिक्कतों के सिलसिले में एचडीएफसी बैंक के कस्टमर केयर में फोन किया। मेरी दिक्कत के लिए उन्होंने मुझे संबंधित बैंक शाखा में जाने का सुझाव दिया। लेकिन मुझे ट्रैप में लेते हुए बताया कि चूंकि आप हमारे मूल्यवान ग्राहक हैं तो हम आपको बिना किसी डॉक्यूमेंट के लिए पांच लाख रुपए का ऋण देना चाहते हैं जिस पर सालाना ब्याज की दर मात्र सात फीसदी के आसपास है और आप चाहें तो इससे महंगे होमलोन का मूलधन अदा कर सकते हैं।
मुझे ऑफर पहली नज़र में बड़ा आकर्षक लगा क्योंकि आईसीआईसीआई बैंक से लिया गया मेरा होमलोन हनुमान की पूंछ की तरह घटने का नाम नहीं ले रहा और उस पर बैंक ने ब्याज दर हाल ही में बढ़ाकर 11.50 फीसदी कर दी है। मैने एचडीएफसी बैंक की प्रतिनिधि से ऑफर का और विवरण जानना चाहा।
उसने चहकते हुए बताया कि पांच लाख का लोन दो हिस्से में होगा। पहले दो लाख के हिस्से पर आपसे दो साल में मूलधन समेत कुल लगभग 2.28 लाख रुपए लिए जाएंगे। इस तरह इस पर आपकी सालाना ब्याज दर 7 फीसदी आती है। दूसरा हिस्सा तीन लाख रुपए का है जिसके एवज में चार साल में आपको कुल 3,88,044 रुपए अदा करने होंगे। आप खुद गिन सकते हैं कि इस तीन लाख रुपए पर एक साल का ब्याज 22,011 रुपए बनता है और सालाना ब्याज की दर 7.34 फीसदी निकलती है।
मैं गदगद। मुझे लगा कि होमलोन पर 11.50 फीसदी देने के बजाय इन्हें 7 से 7.34 फीसदी देना एकदम फायदे का सौदा है। अचानक मेरे दिमाग में कौंधा कि कोई ऑफर ज्यादा ही अच्छा लगे तो वो हकीकत में अच्छा नहीं होता। यह सोचकर मैंने कहा कि पूरा ऑफर आप मेरे ईमेल पर भेज दीजिए। मैं उस पर गौर करने के बाद आपको बताता हूं। लेकिन सामने बैठी बैंक की महिला प्रतिनिधि ने कहा कि यह ऑफर केवल फोन पर दिया जाता है और इसे फौरन स्वीकार करना होगा। हां, लोन मंजूर करने के बाद आपको पूरा विवरण ईमेल के साथ ही डाक से भी आपके पास भेज दिया जाएगा।
मैं उससे मना करता रहा। लेकिन उसने खटाखट मेरा तीन लाख रुपए का लोन मंजूर कर दिया। उसने एक मोबाइल नंबर भी दिया और कहा कि यह मेरा परसनल नंबर है और आपको कोई भी दिक्कत हो तो आप इस पर बेझिझक फोन कर सकते हैं। कुछ ही मिनट बाद मेरे मोबाइल पर एचडीएफसी बैंक का एसएमएस आ गया कि आपके अनुरोध पर आपके क्रेडिट कार्ड पर आपको तीन लाख रुपए का लोन दिया जा रहा है जिस पर ब्याज की दर 0.99 फीसदी प्रति माह है। मेरा माथा ठनका। मैंने गिना कि इस हिसाब से तो साल की प्रभावी ब्याज दर 11.88 फीसदी निकलती है। फिर 11.50 फीसदी के होमलोन को चुकाने के लिए मैं उससे महंगा लोन क्यों लूं?
मैंने उस विदुषी के परसनल मोबाइल पर फोन किया। तीन बार घंटी गई और किसी ने नहीं उठाया। अंत में किसी पुरुष ने उठाया और बोला – मैं एचडीएफसी बैंक से बात कर रहा हूं। बताइए आपकी क्या सहायता कर सकता हूं। मैंने कहा कि यह तो मिस एक्स-वाई-जेड का परसनल नंबर है, मुझे उनसे बात करा दीजिए। वह बोला कि वे बाहर गई हैं, इसलिए मैं आपकी बात अपनी मैनेजर से करा देता हूं। मैनेजर महोदया को मैने सारा किस्सा बताकर कहा कि मुझे लोन नहीं चाहिए तो उन्होंने समझाया कि हम चूंकि घटती रकम पर ब्याज लेते हैं। इसलिए महीने की दर 0.99 फीसदी होते हुए भी सालाना प्रभावी दर 11.88 फीसदी कतई नहीं होती।
मैंने जिरह की तो उन्होंने अपने एक एक्सपर्ट बैंकर को मेरा फोन थमा दिया। बैंकर महोदय भी मुझे समझाते रहे कि कैसे वे मेरा भला चाहते हैं और एक वित्तीय सलाहकार होने के नाते उनका दावा है कि इतना सस्ता लोन, वो भी बिना किसी डॉक्यूमेंट के, मुझे नहीं मिल सकता। उन्होंने गिनती करके बताया कि दो लाख रुपए पर 24 महीने (दो साल) का मेरी ईएमआई 9527.16 रुपए प्रति माह आएगी, जबकि 48 महीने (चार साल) के तीन लाख रुपए के लोन पर महीने की पहली ईएमआई 8249.58 रुपए होगी जो घटते-घटते 48वें महीने में 7882.49 रुपए हो जाएगी। उन्होंने कहा कि आप यह लोन ले ही लीजिए क्योंकि आज हम इस पर कोई प्रोसेंगिंग फीस भी नहीं ले रहे हैं। मैने कहा कि अभी मुझे नहीं लेना है। लेना होगा तो मैं आपको 15-20 मिनट बाद फोन करता हूं।
इसके बाद मैंने एक्सेल शीट खोली और ईएमआई (pmt), महीने (nper) और मूलधन (pv) की मात्रा डालकर प्रभावी ब्याज दर की गणना की। नतीजे देखकर मैं चौंक गया। ऑफर किए जा रहे दो लाख रुपए के लोन की प्रभावी ब्याज दर 13.25 फीसदी सालाना (1.10 फीसदी महीना) और तीन लाख रुपए की ब्याज दर 14.35 फीसदी निकली। मैंने कई बार यह गणना की। लेकिन परिणाम वही आया। अब मैंने अपने होमलोन के भुगतान का शेड्यूल निकाला। वहां मुझे पांच लाख के बकाया मूलधन पर अगले 27 महीनों में कुल 56,619 रुपए का ब्याज देना है, जबकि यहां मुझे एचडीएफसी बैंक को 48 महीनों में करीब 1.06 लाख रुपए का ब्याज चुकाना होगा।
मैंने फौरन फोन मिलाकर एचडीएफसी बैंक के एक्सपर्ट बैंकर को सारी गणना बताई और कड़ाई से कह दिया कि मुझे आपका लोन नहीं चाहिए। उन्होंने कहा कि न जाने आप कहां से गणना कर रहे हैं। आप जटिलता में न जाकर सीधे-सीधे ब्याज की मात्रा देखिए तो साफ हो हो जाएगा कि पहले दो लाख रुपए पर सालाना ब्याज की दर 7 फीसदी और दूसरे तीन लाख पर 7.34 फीसदी है। मैंने कहा कि कुछ भी हो, मुझे यह लोन नहीं चाहिए। बोले कि चलिए तीन लाख का नहीं तो दो लाख का ही ले लीजिए। मैंने कहा – नहीं। आप जबरन मिस-सेलिंग मत कीजिए। वे बोले – हम तो आपका भला चाह रहे थे। आपकी मर्जी नहीं है तो हम आप पर थोपेंगे नहीं।
असल में मामला टेढी चीज़ को सीधा देखने का है। ध्यान दें कि दो या तीन लाख रुपए के ऋण पर ब्याज हम साल के अंत में नहीं, बल्कि हर महीने की ईएमआई में दे रहे हैं जिसमें मूलधन का एक हिस्सा भी शामिल रहता है। जैसे, तीन लाख के लोन पर पहले महीने की 7882.49 रुपए ईएमआई में 4912.49 रुपए का मूलधन और 2970 रुपए का ब्याज है। इसलिए अगले महीने हमारे लोन की मात्रा तीन लाख से घटकर करीब 2.95 लाख रुपए रह गई। हर महीने हमारा मूलधन इसी तरह घटता जाता है जिस पर बैंक तानकर ब्याज लेता है। कहने को हमें तीन लाख रुपए का लोन मिला। लेकिन ये तीन लाख रुपए हमारे पास केवल एक महीने ही रहे। अगले महीने से वसूली चालू हो गई तो यह मूल रकम लगातार घटती जाती है।
खैर, मैं बड़ा निश्चिंत था कि सस्ते लोन को चुकाने के लिए महंगा लोन लेने की बेवकूफी करने से बाल-बाल बच गया। तभी कुछ दिनों बाद मेरे पास एचडीएफसी बैंक का आधिकारिक पत्र आ गया कि तीन लाख रुपए का लोन आपके खाते में डाल दिया है जिसकी ईएमआई अगले महीने से शुरू हो जाएगी। अगर आपको कोई दिक्कत हो तो आप यह पत्र मिलने के सात दिन के भीतर हमारे कस्टमर केयर नंबर पर बात कर सकते हैं।
अब मैं झल्ला गया। पुरानी विदुषी के मोबाइल फोन करके शाखा के मैनेजर से बात की तो उन्होंने बताया कि सिस्टम में ऐसा चलता है। लेकिन आप चिंता न करें, हमने आपकी कैंसिलेशन रिक्वेस्ट जनरेट कर दी है।
अचानक फिर आज 4 फरवरी 2013 को दोपहर में एचडीएफसी बैंक की तरफ से फोन आ गया कि आपके तीन लाख के लोन को कैंसल कर दिया गया है। लेकिन बाकी दो लाख का क्या करना है? मैने कहा – मैडम मैंने किसी दो लाख रुपए के लोन की मांग नहीं की है। उसी समय मैंने 15 मिनट के भीतर मना कर दिया था। उसने कहा – तो क्या मैं इसके लिए आपकी कैंसिलेशन रिक्वेसट ले लूं। मैंने अपना माथा फोड़ते हुए कहा कि जब मैंने मांगा ही नहीं तो काहे की कैंसिलेशन रिक्वेस्ट।
उस पर अपनी गुस्सा निकाल नहीं सका तो फौरन यह रिपोर्ट लिखने बैठ गया। आप सभी सुधीजन मेरे अनुभव से सबक लेगें, यही उम्मीद है। साथ ही चक्रवृद्धि और साधारण ब्याज के बारे में बचपन में पढ़े गए पाठ को आज के संदर्भ में आत्मसात करने की कोशिश करेंगे। फाइनेंस में इस धारणा को ‘टाइम वैल्यू ऑफ मनी’ कहते हैं।
– शक्ति शुक्ला वित्तीय सलाहकार