9 जुलाई 2015
प्रिय मित्र , आपकी उत्क्रष्ट रचना - अगर मर जाऊँ तो रोने मत आना - को शब्दनगरी के फ़ेसबुक , ट्विट्टर एवं गूगल प्लस पेज पर भी प्रकाशित किया गया है । नीचे दिये लिंक्स मे आप अपने पोस्ट देख सकते है - https://plus.google.com/+ShabdanagariIn/posts https://www.facebook.com/shabdanagari https://twitter.com/shabdanagari - प्रियंका शब्दनगरी संगठन
14 जुलाई 2015
जिंदगी की सच्चाई का बखान है यह रचना अमित जी
10 जुलाई 2015
दिल को छू गई अमित जी | धन्यवाद
10 जुलाई 2015
हृदय स्पर्श कर ले, कुछ ऐसा लिख दिया आपने ...
10 जुलाई 2015
वो दे आया एक लाख गुरद्वारे में हाल के लिए , घर में उसको 500 रूपये के लिए काम वाली बाई बदलते देखा है...अमित जी ऐसी आवश्यक और दिमाग़ ठिकाने पर लाने वाली बातें अक्सर कहा करिए । धन्यवाद !
10 जुलाई 2015
you have expressed reality in very simple language .
9 जुलाई 2015