अक्सर हम सब में एक सबसे खतरनाक आदत होती है – दूसरों से अपनी तुलना करने की। हम अपनी गाड़ियाँ, घर, नौकरियां, पैसा, सामाजिक प्रतिष्ठा और कई चीजें दूसरों से तुलना करते रहते हैं, और फिर अंत में हम अपने अंदर सिर्फ ढेर सारी नकारात्मक ऊर्जा और भावनाएं भर लेते हैं, जिनका बहुत बुरा असर हमारी जिंदगी पर पड़ने लगता है।
अब सवाल ये उठता है की क्या हम ऐसा करना बंद कर सकते हैं? या फिर कम से कम ऐसा करना कम कर सकते हैं ? जी हाँ ऐसे संभव है!! ऐसे अद्भुत तरीके जिनसे मुझे मदद मिली है आपके साथ बाँट रहा हूँ :
. दूसरों के प्रति दयालु बने :
आप दूसरों के प्रति जैसा सोचते और व्यव्हार करते हैं उसका एक बहुत बड़ा प्रभाव इस बात पर भी पड़ता है की की आप आपने बारे में कैसा सोचते या व् व्यव्हार करते हैं।
दूसरों को आप जितना जज करेंगे उससे कहीं ज्यादा ज्यादा आप अपने आप को जज करेंगे; ठीक इसी तरह जितना ज्यादा दयालुता आप दूसरों के प्रति दिखाएंगे उतना ही दयालु और मददगार आप अपने लिए साबित होंगे। जितना ज्यादा आप दूसरों से प्रेम करेंगे उससे कहीं ज्यादा आप अपने आप से प्रेम करने लगेंगे.
इसलिए जहाँ तक हो सके लोगों की मदद करने और उनके प्रति दयालु बनाने पर ध्यान केन्द्रि करें। ऐसा करने से आप दूसरों को जज करना बंद कर देंगे और अंतता अपने आप को भी जज करना बंद कर देंगे और उसके बदले आप अपने अंदर और आस पास के लोगों की अच्छाईयों पर फोकस करने लगेंगे।
अपनी तुलना खुद से करें :
अपने आपको दूसरों से तुलना करने की वजाय अपनी तुलना खुद से करने की आदत डालें। ये देखें की आपकी कितनी वृद्धि हुयी है। ये भी तय करें की अपने लक्ष्य तक पहुँचने में आपने कितनी प्रगति की है और किन किन परेशानियों का सामने करके सफलता अर्जित की है।
इस आदत से आप अपनी ताकतों को पहचान पाएंगे, आप ये भी देख पाएंगे कि किस तरह आपने अपनी तरफ आने वाली चुनौतियों का डट कर मुकाबला किया और उनपर विजय प्राप्त की। अपने आप को प्रगति के राह पर देख आप खुद के बारे में गर्वान्वित महसूर करेंगे और अपने आप को सराहेंगे, अपने आप के प्रति दलालु भी बनेंगे। इस तरह आप दूसरों की फ़िक्र किये बिना अपने आप के बारे में अच्छा महसूस करेंगे और अपने आपको बेहतर बनाने में प्रयासरत रहेंगे ।
सोशल मीडिया से दूर रहें :
सोशल मीडिया जैसे फेसबुक या ट्विटर पर लोग अपनी छोटी से छोटी उपलब्धियों को भी बढ़ा चढ़ा कर अपडेट करते रहते हैं या यात्राओं या सैर सपाटे की तस्वीरों को शेयर करते हैं, आपने गौर किया होगा कि आपके किसी मित्र या रिश्तेदार ने अमेरिका, इंग्लैंड और किसी अन्य देशों की लुभावनी तस्वीरें शेयर की हैं, ऐसे अपडेट या ऐसी तस्वीरें आपके अंदर हीन भावना को जन्म देने लगती हैं, दूसरों की बुलंदिओं को देखकर आप भी जल्द से जल्द वैसी ही ऊँचाईयाँ छूने के लिए बेकरार होने लगते हैं और हासिल न होने पर नकारात्मक विचारों और हीन भावनाओँ से ग्रसित होने लगते हैं। इसलिए जहाँ तक हो सके सोशल मीडिया से दूर ही रहें।
इंटरनेट या सोशल मीडिया का इस्तेमाल साकारात्मक तरीके से करें :
इंटरनेट पर ऐसे तरीकों को खोजें जो आपकी जिंदगी में साकारात्मक परिवर्तन ला सकते हैं। आप एजुकेशनल, प्रेरक, या अपने फ़ील्ड्स से जुडी जानकारियाँ देने वाली वेबसाइटस को फॉलो कर सकते हैं। अगर आप सफलता अर्जित करना चाहते हैं तो सफलता हासिल करने में मदद करने वाली वेबसाइटों को फॉलो कर सकते हैं, अगर आप अपने सेहत को बढ़ाना चाहते हैं तो सेहत की जानकारियाँ देने वाली अच्छी वेबस्इटों को फॉलो कर सकते हैं या फिर यदि आप अपने दिमाग या व्यक्तित्व को बेहतर बनाना चाहते हों तो ऐसी वेबस्इटों को फॉलो करके अपने जीवन में इंटरनेट का सकारात्मक इस्तेमाल कर सकते हैं।
कुछ नया शौक पालें या कुछ नया सीखें :
अपनी तुलना दूसरों से करने की वजाय आप अपना कीमती समय कुछ ऐसा सीखने में लगाएं जिसे करने में आपको ख़ुशी महसूस हो। ऐसा करने से आप व्यस्त भी रहेंगे और आपने आप में बदलाव भी महसूस करेंगे।
और हाँ, याद रखें की आप जो भी सीखने के लिए चुनते हैं वो इसलिए चुने की इससे आपको ख़ुशी मिलती है न की इसलिए की आप अपने बारे में अच्छा महसूस नहीं करते हैं।
हमेशा याद रखें कि सफल लोग भी हम जैसे साधारण लोग ही होते हैं :
जब भी हम अपने आस पास के किसी सफल व्यक्ति का आँख बंद कर उनका अनुशरण करने लगते हैं या रोल मॉडल बना लेते हैं और उन्ही की तरह बनने की कोशिश में थोड़ा भी असफल होते हैं तो हम धीरे -धीरे ये सोचने लगते हैं कि हम उनके जैसा कभी नहीं बन पाएंगे क्यूंकि ऐसे लोग हमसे अलग होते हैं और हमसे श्रेष्ट होते हैं। इसलिए इस बात को ध्यान में रखना जरुरी हो जाता है कोई कितनी भी ऊँचाईयाँ क्यों न छू ले है तो हमारी तरह मनुष्य ही। इसलिए हमें सिर्फ लोगों की अच्छाईयों को ही अपनाना चाहिए और लोगों का आँख बंद करके अनुशरण करने से बचना चाहिए।
याद रखें टॉप पोजीशन पर हमेशा जगह खाली होती है :
ये हमेशा ध्यान में रखना चाहिए की आप कितना भी अच्छा क्यों न कर रहें हो कोई और भी आपसे बेहतर हो सकता है जो आपसे ज्यादा मेहनत और लगन से काम में लगा हुआ है।
इसमें कोई शक नहीं है की जैसे ही आपके पास आपके पड़ोसियों से अच्छी चीज जैसे गाड़ी या घर आता है आपको अच्छा महसूस होता होगा लेकिन जैसे ही आप किसी और के पास आपसे अच्छी गाड़ी या घर को देख लेते हैं आपकी सारी खुशियां गम में बदल जाती है।
इसलिए ये हमेशा ध्यान में रखें की टॉप पोजीशन हमेशा खाली होता है, तथा वहां बरक़रार रहने के लिए और भी मेहनत करनी है।
माफ़ी मांगने में संकोच न करें :
कुछ इस तरह हमने अपनी जिंदगी आसान कर ली ,
कुछ को माफ़ कर दिया और कुछ से माफ़ी मांग ली।
हालाँकि माफ़ी मांगना इतना आसान नहीं होता लेकिन अगर आप किसी से माफ़ी मांगने के लिए पहल करते हैं तो ये दर्शाता है कि आपसे गलती हुयी थी और आप उसके लिए शर्मिन्दा हैं, और इस तरह आप वैसी गलतियों को दोहराने से बच जाते हैं।
नाकारात्मक विचारों को उत्पन्न होते ही त्याग दें:
कभी कभी माफ़ किये जाने पर भी हम अपने आप को माफ़ नहीं कर पाते। हालाँकि मेरी मेरे मित्र से सुलह हो गयी थी लेकिन फिर में मुझे अपने अपनी गलतियों पर समय समय पर पछतावा होता रहता था, बाद में धीरे धीरे मुझे ये समझ में आ गया की स्वयं को माफ़ करना एक बार में ही संभव नहीं है, यह धीरे-धीरे समय के साथ परिपक्व होता है। इसलिए जब भी आपके मन में नाकारात्मक विचार आये गहरी सांस लेकर उसे उसी समय निकल दें और अपना ध्यान कहीं और लगायें, या इस तरह की कोई प्रक्रिया जिसे आप पसंद करते हों अपनाएँ।
शर्म के मरे छुपने की वजाय सामने आईये :
अपनी किसी भयंकर गलती के बाद शर्म से छुप जाना बिलकुल भी अच्छा नहीं है। अपनी गलती के बाद मैं अपने दोस्त से नजरें मिलाने में झिझक रहा था क्यूंकि मुझे डर था की कहीं वह मुझे पिछली बात को याद न करा दे, लेकिन जैसे ही मैं उससे मिलने की हिम्मत जुटा पाया मैंने महसूस किया कि मेरा डर गलत था।
5. अपनी गलतियों के लिए आभारी बने :
अपनी गलतियों के प्रति आभारी होना आपको बिलकुल विचित्र लगेगा खासकर वैसी गलतियां जिनसे आपको शर्मिंदगी महसूस हुयी हो या दुःख पहुंचा हो लेकिन अगर आप गौर से एनालाइज करेंगे तो पाएंगे कि ऐसी की गयी गलतियों ने आपको कितना मजबूत और सुदृढ़ किया है। आप ये देख पाएंगे कि इन्ही गलतियों की वजह से ही आप अधिक बुद्धिमान, मजबूत और विचारशील हो पाये हैं।
इन्ही गळतोयों की वजह से ही मैं किसी भी बात पर जल्द निर्णय लेने से बचता हूँ और जब भी मैं परेशान होता हूँ तो मैं समय लेकर सोच विचार करके ही आगे की बातों को तय करता हूँ।