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बहन

15 सितम्बर 2019

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है नहीं मेरी कोई सगी बहन, फिर भी लिखता हूं यह कविता

रिश्ता है बहन का, बहती हुई एक सरिता


मैं नहीं समझा पाऊंगा भाईयो, क्या होता है रिश्ता बहन का

कैसी स्थिति थी हिरण्यक्यपु की, जब दिन था होलिका दहन का


क्या होती है बहन? कैसा होता है यह रिश्ता?

इसमें होता है कोई स्वार्थ, या होती है सच्ची निष्ठा?


सुने बहुत सारे गाने, जो बहन के बारे में आते हैं

जिनकी नहीं है कोई बहन, वे कैसे ये बाते समझते हैं


छोटी कहलाती छुटकी थी, बड़ी कहलाती है दीदी

पहली थी अपनी घर की लक्ष्मी, अब होगी किसी और की निधि


तो क्या है ऐसी कोई कुमारी, जो बनाएगी मुझे भाई

बांधेगी मुझे राखी, आज सूनी है मेरी कलाई

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पूरा कर पढ़ाई अपनी, लिया मैंने अपना पहला कामथी नौकरी मेरी पहली, इसलिए नहीं थी मेरे लिए यह बात आमकाम करता था मैं दम लगाकर, मेरे साहब को यह बात अच्छा लगालेकिन था मैं एकदम नया नवेला, इसलिए काम मेरा कच्चा लगाबीत गया एक महिना, आज पहली तारीख आई हैसभी उत्साहित थे, मैं भी, क्योंकि तंख्वा लाई हैआया खाता मैं

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