दोस्तों मैं आप सभी पुरुष भाइयों से कहना चाहतो हूँ की आज-कल हर जगह (सभी नहीं) जब भी कोई बहन-बेटी कही बाहर निकलती हैं तो लोग उस पर फब्तियां कसने लगते हैं. ऐसे अवस्था में कई बेतिया स्कूल नहीं जाना चाहती, बहने छह कर भी अपने बड़े-बुजुर्गो के लिए दवाईयां या फिर कुछ खाने का सामान लेन नहीं जा पाती. अगर हम सभी पुरुष भाई अपने अंदर ये निर्णय लें की हम न कुछ इस तरह की बात बोलेंगे और न ही किसी और को बोलने देंगे तो हमारे समाज की बहुत बड़ी समस्या का हल ho सकता है.
बिल्कुल ठीक कहा आपने यशवंत जी, नवयुवकों को ही आगे आना होगा...कितनी शर्म की बात है कि देश में असंख्य पढ़े-लिखे और समर्थ बलवान भाइयों के रहते हमारी कुछ बहनों की सुरक्षा नहीं हो पाती है I आपकी बात से पूर्णतया सहमत हूँ i