करौली जिले में अवस्थित कैला मैया के दरबार में हाजिरी लगाने और पौत्र शिवांश का रजिस्ट्रेशन बीजासनी माता के यहां करवाने को लेकर यह यात्रा दुर्गाष्टमी के दिन शुरू की थी जो रामनवमी को समाप्त हुई । इस यात्रा का वृत्तांत इस रचना में प्रस्तुत कर रहा हूँ ।
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