राजनैतिक, सामाजिक, पारिवारिक और अन्यविषयों से संबंधित हास्य व्यंग्य की रचनाओं का एक संकलन ।
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दरबार हताश, निराश, शोकमग्न, भयभीत, सहमा हुआ और चिंतित था । लोगों ने दरबार को इस तरह से हैरान, परेशान कभी देखा नहीं था । दरबार की तो छवि ही ऐसी गढी गई थी कि वह सूर्य से भी अधिक तेजस्वी , चांद से भी अधि
बड़ा बेशर्म है । मरता ही नहीं कभी । कितनी भी कोशिशें कर लो , हरदम मुंह बांयें खड़ा नजर आता है । निर्लज्ज कहीं का ! किसी का भी लिहाज नहीं है तुझे ? अरे हां, याद आया । अगर लिहाज ही होता तो तू इस तरह चोर
आज "छमिया भाभी" बड़ी खुश नजर आ रही थीं । खुश हों भी क्यों नहीं आखिर चार महीने हिल स्टेशनों पर मौज मस्ती करके आयीं थीं । उनके अंग अंग से आनंद की मंदाकिन बह रही थी । इतना प्रसन्न कभी देखा नहीं था पहले उ
"यूरेका यूरेका" चिल्लाते हुये खैराती लाल जी दौड़े चले जा रहे थे । उनकी खुशी देखते ही बनती थी जैसे उन्हें स्वर्ग का राज्य मिल गया हो । उनके पीछे पीछे चरण चंपू जी, चाटुकार मल जी, जड़खरीद सिंह, गुलाम खान
अभी कुछ दिन पूर्व माननीय उच्चतम न्यायालय के भावी मुख्य न्यायाधीश की खंडपीठ ने एक बहुत ही महत्वपूर्ण निर्णय पारित किया है जिसमें महिलाओं को पूर्ण अधिकार दे दिया गया है कि वे चाहें तो कभी भी गर्भपात करव
पार्क के बीचोंबीच खड़ा आम का पेड़ मुस्कुरा रहा था । शायद वह समझ रहा था कि उसने यहां उग कर पार्क पर बहुत बड़ा अहसान कर दिया है । वैसे उसका ऐसा सोचना गलत भी नहीं है । आम फलों का राजा है और उसका राज खानद
गुजरात विजय में अलाउद्दीन खिलजी को बहुत सारा माल हाथ लगा था । गुजरात प्राचीन काल से ही समृद्ध राज्य रहा है । इसीलिए यहां बहुतायत में सोना, चांदी, हीरे, मोती वगैरह के कोठे भरे पड़े थे । अलाउद्दीन की से
एक गाना सुना था कभी एक कुंवारा फिर गया मारा फंस गया देखो ये बेचारा इस गाने से याद आया कि आदमी जब तक कुंवारा है समझो कि वह स्वर्ग में है और सबका दुलारा है । कुंवारे आदमी को स्वर
अक्सर लोगों को यह कहते हुए सुना है कि शादी तो बर्बादी है । हम इसे मजाक ही समझते थे मगर यह बात एक दिन हकीकत में तब्दील हो गई । उत्तर प्रदेश के लोग हैं ही इतने शानदार कि वे नित नई मिसालें कायम करत
क्या गजब करती हो प्रतिलिपि जी ! सबकी पोल खुलवा रही हो यहां पर । लोग कहते हैं कि इश्क और मुश्क छुपाए नहीं छुपते, मगर यहां तो हर कोई अपने दिल में न जाने कितने "ताजमहल" बसाये घूम रहा है । जब पहली मुहब्बत
बचपन से हम देखते आये थे कि जगह जगह पर "मेरा भारत महान" लिखा रहता था । क्या बस और क्या ट्रेन , जहां देखो वहीं पर यह वाक्य लिखा रहता था । तब हम समझ नहीं पाये थे कि इसका मतलब क्या होता है ? आज कुछ कुछ सम