यह कहानी है एक ऐसे व्यक्ति की जो सौतेलेपन का शिकार हुआ । ना उसे मां बाप का प्यार मिला और न ही उसे पत्नी का । प्यार के मरूस्थल में भटकते भटकते वह एक दिन चल बसा ।