10 फरवरी 2018
ये सेमेस्टर का भी मायाजाल कम नहीं है , मिड गया तो फाइनल , फाइनल गया तो मिड आखिर ज़िंदगी क्या ये मिड और फाइनल मै ही सिमट कर रह गया है ? कभी कभी तो लगता है सब कुछ छोड़ छाड़ कर वही अपनी पुरानी स्कूल लाइफ को जीने लगूँ | जहा ना प्र