नीरज अग्रहरि
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उस एक अलभ्य क्षण की उत्पत्ति का पल जाने कब आया की मुझे पता ही नहीं चला , और न जाने कब मेरी कविताये मुझे लिखने लगी |
professorsab
नमस्कार दोस्तों ! मेरा यह लेखनी उन सभी युवाओ को समर्पित है जो मेरी तरह इस आधुनिक युग मै अपनी भावनाओ को उकेरना चाहते है |
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<p>नमस्कार दोस्तों ! मेरा यह लेखनी उन सभी युवाओ को समर्पित है जो मेरी तरह इस आधुनिक युग मै अपनी भावनाओ को उकेरना चाहते है | </p>
अच्छा लगता है।
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