shabd-logo

दौर चुनावी युद्धों का

2 अप्रैल 2019

255 बार देखा गया 255

दौर चुनावी युद्धों का

✒️

जड़वत, सारे प्रश्न खड़े थे

उत्तर भाँति-भाँति चिल्लाते,

वहशीपन देखा अपनों का

प्रत्युत्तर में शोर मचाते।

सिर पर चढ़कर बोल रहा था

वह दौर चुनावी युद्धों का,

आखेटक बनकर घूम रहे

जो प्रणतपाल थे, गिद्धों का।

बड़े खिलाड़ी थे प्रत्याशी

सबकी अपनी ही थाती थी,

बातें दूजे की, एक पक्ष को

अंतर्मन तक दहलाती थीं।

मुद्दे थे विजयी होने के

और विजय ही ध्येय रहा था,

साहिब, हथकंडे अपनाते

ऐसा जो अविधेय रहा था।

कितनों की नीयत डोली थी

लोभी, उन मधुर बयारों में,

बीत गया जब दौर चुनावी

डूबे थे सब व्यभिचारों में।

सिंहासन पर बैठा शासक

भूल चुका था वादे अपने,

कोस रही जनता ख़ुद को ही

व्यर्थ दिखाया उसने सपने।

भला बहुत था राज पुराना

जो शासक को ही भाता था,

वृथा स्वप्न वह दिखा जनों को

नहीं हृदय को अकुलाता था।

...“निश्छल”

Amit Nishchchal

Amit Nishchchal

सादर धन्यवाद सर।

18 जनवरी 2020

वीरेंद्र कुमार गुप्ता

वीरेंद्र कुमार गुप्ता

निष्चल , बहुत अच्छा लिखा है.

10 जून 2019

3
रचनाएँ
Amitnishchhal
0.0
हिंदी कविताओं के कोरे पन्ने
1

दौर चुनावी युद्धों का

2 अप्रैल 2019
0
0
2

दौर चुनावी युद्धों का✒️जड़वत, सारे प्रश्न खड़े थेउत्तर भाँति-भाँति चिल्लाते,वहशीपन देखा अपनों काप्रत्युत्तर में शोर मचाते।सिर पर चढ़कर बोल रहा थावह दौर चुनावी युद्धों का,आखेटक बनकर घूम रहेजो प्रणतपाल थे, गिद्धों का।बड़े खिलाड़ी थे प्रत्याशीसबकी अपनी ही थाती थी,बातें दूजे की, एक पक्ष कोअंतर्मन तक दहलाती थ

2

ऐ हमदम...

24 जनवरी 2020
0
2
0

ऐ हमदम...✒️मन के मनके, मन के सारे, राज गगन सा खोल रहे हैंअंधकार के आच्छादन में, छिप जाने से क्या हमदम..?शोणित रवि की प्रखर लालिमानभ-वलयों पर तैर रही है,प्रातःकालिक छवि दुर्लभ हैशकल चाँद की, गैर नहीं है।किंतु, चंद ये अर्थ चंद को, स्वतः निरूपित करने होंगेश्रुतियों के अभिव्यंजन की अब, प्रथा नहीं है ऐ ह

3

वक्त भागता रहा

12 मई 2020
0
1
0

वक्त भागता रहा✒️वक्त भागता रहा, ज़िंदगी ठहर गई,एक कोशिका खिली विश्व पर फहर गई।एक अंश जीव का प्राण से रहित मगर,छा गया ज़मीन पर बन गया बड़ा कहर।आम ज़िंदगी रुकी खास लोग बंध में,बाँटता चला गया धूर्त देश अंध में।तोड़ मानदंड को मौत की लहर गई,वक्त भागता रहा, ज़िंदगी ठहर गई।चंद, बाँटते खुशी शेष बेचकर कफ़न,मानवी स्

---

किताब पढ़िए

लेख पढ़िए