देवदत्त पट्टनायक
देवदत्त पट्टनायक पौराणिक विषयों के जाने माने विशेषज्ञ हैं। पौराणिक कहानियों, संस्कारों और रीति-रिवाजों का हमारी आधुनिक जि़न्दगी में क्या महत्त्व है इस विषय पर वह लिखते भी हैं और जगह-जगह व्याख्यान भी देते हैं। देवदत्त पट्टनाइक ने भारतीय पौराणिकता पर व्यस्कों से लेकर बच्चों तक के लिए 25 से ज़्यादा किताबें और 400 से अधिक लेख हैं I 2007 से वे पौराणिकता एवं प्रबंधन के संबंध को इकोनॉमिक टाइम्स में प्रकाशित होने वाले अपने स्तंभ के माध्यम से बताते रहे हैं; 2009 में हुई टीईडी इंडिया कॉन्फ़्रेन्स में दिए गए व्याख्यान और 2010 में सीएनबीसी - टीवी18 पर सफलतापूर्वक चले कार्यक्रम बिज़नेस सूत्र के अलावा विभिन्न भारतीय विश्वविद्यालयों एवं प्रबंधन संस्थानों में दिए गए कई व्याख्यानों के माध्यम से भी वे यह कार्य करते रहे हैं I पटनायक एक ओडिया हैं, जिनका जन्म और पालन-पोषण मुंबई में हुआ है। उन्होंने अपना बचपन और छात्र जीवन चेंबूर, मुंबई में बिताया। उन्होंने चेंबूर में अवर लेडी ऑफ परपेचुअल सक्सर हाई स्कूल में अध्ययन किया। पटनायक ने ग्रांट मेडिकल कॉलेज, मुंबई से चिकित्सा (एम.बी.बी.एस.) में स्नातक की उपाधि प्राप्त की, और बाद में मुंबई विश्वविद्यालय से तुलनात्मक पौराणिक कथाओं का एक कोर्स किया। एक डॉक्टर के रूप में प्रशिक्षण प्राप्त पट्टनाइक ने हेल्थकेयर (अपोलो हेल्थ स्ट्रीट) और फार्मा स्युटिकल (स्नोफ़ी एवेंटिस) उद्योग में पंद्रह वर्षों तक काम किया और कुछ समय तक वे अर्नेस्ट एंड यंग से बिज़नेस एडवाइजर के रूप में जुड़े रहे I इसके बाद उन्होंने अपने शौक को काम में तब्दील किया और चीफ़ बिलीफ ऑफिसर के रूप में जुड़े रहे I इसके बाद उन्होंने अपने शौक को काम में तब्दील किया और चीफ़ बिलीफ ऑफिसर के रूप में फ्यूचर ग्रुप के वैचारिक समूह में शामिल हुए I उनका मत है कि "कोई भी समाज मिथक के बिना मौजूद नहीं हो सकता क्योंकि
देवी के सात रहस्य
हिन्दुत्व में स्त्री को देवी के समान माना गया है। देश के विभिन्न हिस्सों में देवी के अलग-अलग रूप पूजे जाते हैं। कहीं वह प्रकृति के रूप में माता है, कहीं पर मानवता की स्रष्टा है, कहीं पर ज्ञान की देवी सरस्वती है तो कहीं पर सम्पदा की देवी लक्ष्मी है। इ
देवी के सात रहस्य
हिन्दुत्व में स्त्री को देवी के समान माना गया है। देश के विभिन्न हिस्सों में देवी के अलग-अलग रूप पूजे जाते हैं। कहीं वह प्रकृति के रूप में माता है, कहीं पर मानवता की स्रष्टा है, कहीं पर ज्ञान की देवी सरस्वती है तो कहीं पर सम्पदा की देवी लक्ष्मी है। इ
भारत में देवी - अनन्त नारीत्व के पाँच स्वरुप
"भारत के हर प्रान्त, हर कस्बे और यहाँ तक कि हर गाँव में अलग-अलग देवी पूजी जाती हंै और प्रत्येक का अपना अलग रूप, स्वरूप और विशेषता है। प्राचीन हिन्दू पौराणिक कहानियों और किंवदंतियों के शोध पर आधारित इस पुस्तक में लेखक देवदत्त पट्टनायक खोजबीन कर रहे है
भारत में देवी - अनन्त नारीत्व के पाँच स्वरुप
"भारत के हर प्रान्त, हर कस्बे और यहाँ तक कि हर गाँव में अलग-अलग देवी पूजी जाती हंै और प्रत्येक का अपना अलग रूप, स्वरूप और विशेषता है। प्राचीन हिन्दू पौराणिक कहानियों और किंवदंतियों के शोध पर आधारित इस पुस्तक में लेखक देवदत्त पट्टनायक खोजबीन कर रहे है
शिव से शंकर तक - लिंग प्रतीक का रहस्य
प्रखर तपस्वी शिव, हिन्दू धर्म के सर्वाधिक पूजे जाने वाले देवता हैं। शरीर पर शेर की खाल ओढ़े, सिर पर जटाएँ बाँधे, गर्दन में एक साँप लपेटे दूर-दराज़ के ठंडे और वीरान कैलाश पर्वत पर रहने वाले शिव के कई रूप हैं। कहीं तो वह कैलाश पर्वत पर धूनी रमाये योगी
शिव से शंकर तक - लिंग प्रतीक का रहस्य
प्रखर तपस्वी शिव, हिन्दू धर्म के सर्वाधिक पूजे जाने वाले देवता हैं। शरीर पर शेर की खाल ओढ़े, सिर पर जटाएँ बाँधे, गर्दन में एक साँप लपेटे दूर-दराज़ के ठंडे और वीरान कैलाश पर्वत पर रहने वाले शिव के कई रूप हैं। कहीं तो वह कैलाश पर्वत पर धूनी रमाये योगी
पशु - पुराणों से पशु-पक्षियों की रोचक कथाएँ
कैसे एक मछली दुनिया को बचा लेती है एक घोड़ा कैसे आसमान में उड़ता है राजा को कैसे पता चलता है कि उसकी प्रिय पत्नी वास्तव में मेढक है। हिन्दू पुराकथा शास्त्रों में ऐसे अनेक किस्से-कहानियाँ है जिसमें पशु-पक्षियों की महत्त्वपूर्ण भूमिका है। क्या कारण है
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राम की गाथा
राम की कहानी मानवीय शक्तियों एवं दुर्बलताओं का रूपक तथा आतंरिक दिव्यता का वातायन है.' - तहलका राम मर्यादा पुरुषोत्तम, सामाजिक मूल्यों के सबसे बड़े ध्वजवाहक, रघुवंश के वंशज, सूर्यवंश के रत्न तथा विष्णु के सातवें अवतार हैं. महिलावादियों ने जिन्हें भला-ब
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टैलेंट सूत्र - ज्ञान का भारतीय दृष्टिकोण
हिंदू धर्म के साथ-साथ बौद्ध धर्म तथा जैन धर्म में सरस्वती ज्ञान की देवी हैं। उनका नाम कल्पना के प्रवाह (सरस) से निकला है। मानव की कल्पना हमें खोज करने, नई राह बनाने, मानसिक चित्रण करने, योजना बनाने और जोखिम कम करने में सक्षम बनाती है। हालाँकि बिज़नेस
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बिज़नेस सूत्र - प्रबंधन से जुड़ा पुराणों पर आधारित भारतीय दृष्टिकोण
अपनी इस विशिष्ट पुस्तक में बेस्टसेलिंग लेखक, लीडरशिप कोच और पुराण-विद्या विशेषज्ञ देवदत्त पट्टनाइक बताते हैं कि किस प्रकार वस्तुनिष्ठता के आवरण के बावजूद आधुनिक प्रबंधन की जड़ें पश्चिमी मान्यताओं में हैं, जो कठोर उद्देश्यों को प्राप्त करने व शेयरहोल्ड
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सक्सेस सूत्र - धन का भारतीय दृष्टिकोण
अधिकतर व्यक्ति धन और सफलता की चाह रखते हैं। ऐसी बहुत-सी प्रबंधन पुस्तकें हैं जो इस बात की सैद्धान्तिक तथा तकनीकी जानकारी देती हैं कि धनी और सफल कैसे बना जाए। ये सभी पुस्तकें हमें धन की देवी लक्ष्मी के पीछे जाने की सलाह देती हैं, ताकि हम उन्हें अपना ब
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सीता के पांच निर्णय - रामायण की एक अनूठी प्रस्तुति
रामायण मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम की गाथा मानी जाती है और उन्हीं को महिमामंडित करती है। भारत से लेकर दक्षिण-पूर्व के दूर-दराज के देशों में रामायण अनेक भाषाओं में उपलब्ध है और हरेक में कुछ अन्तर है, लेकिन सभी मुख्यता श्रीराम को केन्द्र में रखकर लिखी ग
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